Diwali 2024: बेहद चमत्कारिक है भारत के इस राज्य में स्थित ये मंदिर, दिवाली पर ही खुलते हैं इसके पट फिर होता है चमत्कार
Diwali Par Hi Khulta Hai Ye Mandir: भारत में इस जगह स्थित है एक ऐसा मंदिर जहाँ होता है आश्चर्यजनक चमतकार और इसे केवल दिवाली पर ही खोला जाता है। आइये जानते हैं क्या है इसका रहस्य और इतिहास।
Karnataka Hasanamba Temple: हिन्दू धर्म अपनी प्राचीनता के लिए जाना जाता रहा है। सनातन धर्म से जुड़ी ऐसी कई घटनाएं हैं जिसने सभी को हैरान किया है। वहीँ भारत और भारत के बाहर भी कई ऐसे मंदिर हैं जिनमे आये दिन चमत्कार होने की घटनाएं सामने आती रही हैं। वहीँ यहाँ एक ऐसा मंदिर भी है जिसके चमत्कार दूर दूर तक चर्चा में हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि ये मंदिर केवल दिवाली के दिन ही खोला जाता है। आइये जानते हैं कहाँ है ये मंदिर और क्या है यहाँ की चमत्कारिक घटनाएं।
केवल दिवाली को ही खुलता है ये मंदिर
हिन्दू धर्म और मंदिरों से जुड़ी आपने कई ऐसी बातें सुनी होंगीं जो आपको हैरान कर जातीं होंगीं और ईश्वर के प्रति आपकी आस्था और ज़्यादा बढ़ने लगती होगी वहीँ आपको बता दें कि एक ऐसा मंदिर है जो केवल दिवाली को ही खुलता है और फिर कुछ ऐसा होता है जिसे जानकार आप भी आश्चर्य में पड़ जायेंगें। आइये जानते हैं आखिर कहाँ स्थित है ये मंदिर और क्या है यहाँ का ये चमत्कार।
गौरतलब है कि कर्नाटक के हासन जिले में हसनंबा नामक ये मंदिर स्थित है। ये मंदिर साल में बस एक बार ही खुलता है। और वो दिन होता है दिवाली का इसके बाद इसे सात दिन बाद फिर से खोला जाता है तब यहाँ दीपक जलाकर, फूल और प्रसाद चढ़ाकर इस मंदिर को साल भर के लिए बंद कर दिया जाता है। फिर अलगे साल ही इस मंदिर के कपाट को खोला जाता है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि जब पूरे एक साल बाद मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो पुजारियों को ये दीया जलता हुआ ही मिलता है इतना ही नहीं यहाँ पर एक साल पहले जो फूल चढ़ाये गए थे वो भी बिलकुल ताज़े रहते हैं। आइये आपको इस मंदिर के विषय में और विस्तार से बताते हैं।
कैसे पहुंचे इस मंदिर में
कर्नाटक के हासन जिले में स्थित हसनंबा मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पहले बेंगलुरु आना होगा जहाँ से ये 180 किमी दूर है। ये मंदिर बेहद प्राचीन है जिसे 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था। वहीँ पहले इस जगह का नाम सिहमासनपुरी था। इस मंदिर के दर्शन करने दूर दूर से सैलानी भी यहाँ आते हैं। वहीँ इस मंदिर से जुड़ी कई सारी किवदंतियां भी बहुत प्रसिद्ध हैं आइये जानते हैं क्या हैं ये।
ऐसी मान्यता है कि सालों पहले यहाँ एक राक्षस अंधकासुर था जिसने कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया जिसके बाद उसने आशीर्वाद के रूप में ब्रह्मा जी से अदृश्य होने का वरदान प्राप्त किया। लेकिन इसके बाद उसने ऋषि, मुनियों और मनुष्यों को खूब परेशान किया। जिसके बाद भगवान् शिव ने राक्षस अंधकासुर का वध करने का निश्चय किया लेकिन उस राक्षस की एक बूँद से और राक्षस बन जाते थे। जिसके बाद महादेव ने तपयोग से योगेश्वरी देवी का निर्माण किया और फिर माँ ने उसका नाश किया।
आपको बता दें कि इस मंदिर को हर साल दिवाली पर ही खोला जाता है और फिर 7 दिन बाद फिर से एक बार खोलकर इसे सालभर तक के लीये फिर से बंद कर दिया जाता है। यहाँ हज़ारों की संख्या में लोग माँ जगदम्बा के दर्शन और उनसे अपनी मनोकामना कहने आते हैं। वहीँ जिस दिन इस मंदिर कोबन्द किया जाता है उसकी दिन इसके गर्भ गृह में एक दीया प्रज्वलित किया जाता है। ये दीया शुद्ध देसी घी का होता है। इसके साथ ही मंदिर के गर्भ गृह को भी फूलों से सजाया जाता है। वहीँ व्यंजनों को प्रसाद के रूप में देवी माँ को अर्पित किया जाता है। वही आस पास के लोग बताते हैं कि जब सालभर बाद मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो गर्भ गृह में रखा हुआ दिया जलता रहता है और माँ को अर्पित किये सभी फूल भी ताज़ा रहते हैं।