Dussehra Mela in Kanpur: यूपी के इस शहर में होती है रावण की पूजा, दशहरे पर ही खुलते हैं दशानन मंदिर के पट

Dussehra Mela in Kanpur: उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशहरे का उत्सव अलग तरह से ही होता है आइये जानते हैं क्या है यहाँ के दशानन मंदिर की खासियत।

Update:2024-10-05 07:40 IST

Dussehra 2024 (Image Credit-Social Media)

Dussehra Mela in Kanpur: उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर में एक ऐसा मंदिर है जिसका निर्माण 155 वर्ष पहले हुआ था। इस मंदिर की कई मान्यता भी है। इसे महाराज गुरु प्रसाद शुक्ल ने बनवाया था। रावण को भले ही दशहरे पर जलाया जाता हो लेकिन यहाँ रावण का मंदिर है। ऐसे में यहाँ लगने वाला मंदिर काफी अलग है। आइये जानते हैं कैसा होता है यहाँ का मेला।

कानपुर में होती है रावण की पूजा

रावण को एक महान विद्वान माना जाता था और वो भगवान शिव का परम भक्त भी था उन्हें खुश करने के लिए उसने मां छिन्नमस्तिका देवी की आराधना की थी। वहीँ कानपुर के इस मंदिर में रावण की पूजा की जाती है। ये मंदिर कानपुर के शिवाला में स्थित है वहीँ इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। वहीँ इस दिन सुबह से लेकर शाम तक लोग दर्शन के लिए आते थे। यहाँ लोग शाम को सांसों के तेल के दिए जलाते हैं। ये उत्तर भारत का एक ऐसा मंदिर है जहाँ रावण की पूजा की जाती है।

इस मंदिर को केवल दशहरा के दिन ही खोला जाता है। वहीँ रावण की पूजा करने यहाँ हर साल हज़ारों लोग पहुंचते हैं। ये मंदिर 155 साल पुराना है। दशहरा के दिन सबसे पहले रावण की प्रतिमा का श्रृंगार किया जाता है। इसके बाद पूजा और आरती की जाती है। इसके बाद आम लोग यहाँ प्रवेश कर सकते हैं। यहाँ कई लोग ऐसे पहुंचते हैं जो रावण की पूजा शक्ति के प्रतीक के रूप में करते हैं। वहीँ शाम को लोग तेल के दिए जलाकर अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए वरदान मांगते हैं।

रावण का दर्शन करने वाले लोग यहाँ तरोई के फूल चढ़ाते हैं साथ ही दूध, दही, घृत, शहद, चंदन, गंगाजल से अभिषेक भी करते हैं। वहीँ सुहागिनें तरोई का पुष्प अर्पित कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इस फूल को शक्ति साधना में प्रयोग किया जाता है। वहीँ शाम को इस मंदिर के कपाट फिर से बंद कर दिए जाते हैं।

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