Surajkund Mela 2024: इस बार सूरजकुंड मेला में दिखेगा गुजरात का रंग, जानें कब से ले सकेंगे आनंद

Surajkund Crafts Mela 2024: इस मेले की शुरुआत 2 फरवरी से होने जा रही है जो 18 फरवरी को समाप्त होगी। 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।

Update:2024-02-01 17:45 IST

Surajkund Mela 2024 (Photos - Social Media)

Surajkund Crafts Mela 2024: सूरजकुंड मेला भारत का एक प्रमुख सांस्कृतिक मेला है जो हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले के सूरजकुंड गाँव में हर साल आयोजित होता है। यह मेला भारतीय सांस्कृतिक और कला को प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है। इसमें विभिन्न राज्यों और कई देशों के कलाकारों की भागीदारी होती है। बता दें कि इस मेले की शुरुआत 2 फरवरी से होने जा रही है जो 18 फरवरी को समाप्त होगी। 37वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी।

40 देश लेंगे हिस्सा

इस बार मेले में संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इस दौरान मेले में कलाकार लोक नृत्य गायन प्रस्तुत कर दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। जिसमें अफ्रीका, यूरोप और एशिया के लगभग 40 देश हिस्सा लेने वाले हैं। जिसमें शैली और हथकरघी की भी झलक देखने को मिलेगी। मेले में विभिन्न राज्यों और देशों के कलाकार, गायक, नृत्यशिल्पियों की प्रदर्शनी, कला और हस्तशिल्प बाजार, भोजन प्रस्तुत किया जाएगा।

Surajkund Mela 2024 

इतना रखा गया टिकट फेयर

पर्यटकों के लिए यह मेला सुबह 10:00 से लेकर शाम 8:00 बजे तक खुला रहेगा। सोमवार से शुक्रवार को यदि आप इस मेले में जाते हैं तो इसके लिए आपको 120 रुपए का टिकट लेना होगा। वहीं, वीकेंड यानी कि शनिवार और रविवार को 180 रुपए की टिकट मिलेगी। इस साल सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की थीम गुजरात राज्य पर रखी गई है। बता दें कि दूसरी बार मेले का थीम स्टेट चुना गया है। इससे पहले साल 1997 में इसी आधार पर थीम रखा गया था।

फरवरी में होता है आयोजित

सूरजकुंड मेला वार्षिक रूप से होने वाला एक सांस्कृतिक मेला हैं।जिसका आयोजन फरवरी महीने में होता है। यह मेला फरवरी के पहले हफ्ते से शुरू होकर दो हफ्तों तक चलता है। यह सांस्कृतिक कला, वास्तुकला, संगीत, नृत्य, शिक्षा, बाजार, और खान पान के लिए अच्छे से जाना जाता है। सूरजकुंड मेला विशेषकर भारतीय कला और हस्तशिल्प को प्रमोट करने के लिए एक माध्यम के रूप में माना जाता है। 

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