History of Rangmahal Mandir Vrindavan : भगवान कृष्ण और राधा रानी की प्रेम लीलाओं को दर्शाता है वृंदावन का रंग महल, यहां पूरी होती है हर इच्छा

वृंदावन को भगवान कृष्ण की नगरी कहा जाता है और यहां एक से बढ़कर एक मंदिर मौजूद है। चलिए आज यहां के रंग महल मंदिर के बारे में जानते हैं।

Update: 2024-09-03 06:00 GMT

History of Rangmahal Mandir Vrindavan (Photos - Social Media)

History of Rangmahal Mandir Vrindavan : वृंदावन भारत के उत्तर प्रदेश में मौजूद एक बहुत ही खूबसूरत शहर है जो पूरी तरह से भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस शहर में अनगिनत कृष्ण मंदिर मौजूद है जो भगवान कृष्ण के अलग-अलग लीलाओं का वर्णन करते हैं। यहां के मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व लिए हुए हैं और इनमें से एक मंदिर रंग महल भी है। चलिए आज हम आपको इस मंदिर के इतिहास और विशेषताओं से रूबरू करवाते हैं।

रंगमहल मंदिर का इतिहास (History of Rangmahal Mandir)

रंग महल मंदिर का निर्माण 19वीं शताब्दी के अंत में महाराजा मानसिंह द्वितीय ने करवाया था। इस मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण और राधा रानी की प्रेम लीलाओं के स्मरण में किया गया था।

History of Rangmahal Mandir Vrindavan


ऐसी है रंगमहल मंदिर की वास्तुकला (Rangmaha Mandir Architecture)

रंग महल की वास्तुकला काफी अद्भुत है। यहां के मुख्य द्वार पर बड़े स्तंभ देखने को मिलते हैं। मंत्री के अंदर की दीवारों पर कलाकारी नजर आती है। यह कलाकारी भगवान कृष्ण और राधा की अलग-अलग लीलाओं पर की गई है। अंदर मुख्य गर्भ गृह है जहां भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति स्थापित है। इन मूर्तियों पर विशेष सजावट की जाती है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचते हैं।

रंगलीला महोत्सव (Ranglila Festival)

होली के समय रंगीला का अंदाज ही कुछ अलग होता है और यहां पर रंगलीला महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव के दौरान भगवान कृष्ण और राधा की अलग-अलग लीलाओं को दिखाया जाता है। इसमें हजारों भक्त भाग लेते हैं और भक्ति रस में डूबे दिखाई देते हैं। यहां हर व्यक्ति प्रेम और भक्ति के रंग में रंगा नजर आता है।

History of Rangmahal Mandir Vrindavan


रंगमहल मंदिर का धार्मिक महत्व

इस मंदिर का धार्मिक महत्व काफी ज्यादा माना जाता है। यह भगवान कृष्ण और राधा रानी की प्रेम लीलाओं को प्रदर्शित करता है। भक्तों का कहना है कि यहां भगवान कृष्ण के साक्षात दर्शन होते हैं और हर आने वाले की मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर के पुजारी की मानें तो रंगमहल मंदिर का दरवाजा हर सुबह खुद से खुल जाता है और रात में खुद ही बंद भी हो जाता हैI 

कैसे पहुंचे रंगमहल मंदिर (How To Reach Rangmahal Temple)

वृंदावन का रंगमहल मंदिर मथुरा से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मथुरा रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से टैक्सी या ऑटो-रिक्शा के माध्यम से यहाँ आसानी से पहुंचा जा सकता है। वृंदावन में ठहरने के लिए भी कई धर्मशालाएं और होटल उपलब्ध हैं, जहां पर पर्यटक आराम से ठहर सकते हैं।

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