Iceland in Rajasthan: राजस्थान में आइसलैंड का नज़ारा है बेहद खूबसूरत, प्रकृति के बेहद करीब पायेंगें खुद को

Iceland in Rajasthan : क्या आप जानते हैं कि किशनगढ़ भारत के संगमरमर शहर नाम से भी मशहूर है आइये जानते हैं क्यों इसे राजस्थान का आइसलैंड क्यों कहा जाता है।;

Report :  Jyotsna Singh
Update:2025-02-21 20:18 IST

Iceland in Rajasthan: भारत देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है राजस्थान जो अपनी ऐतिहासिक , सांस्कृतिक धरोहर, महलों, किलों और धार्मिक स्थलों के लिए विश्व विख्यात है। इसी राजस्थान में एक ऐसी जगह है जो पर्यटकों का खास आकर्षण केंद्र है जिसका नाम है किशनगढ़। सन् 1609 में जोधपुर के महाराजा किशन सिंह द्वारा बनवाए गए इस किशनगढ़ का असली नाम मदनगंज-किशनगढ़ है। किशनगढ़ भारत के संगमरमर शहर नाम से भी मशहूर है। दरअसल यह संगमरमर के कटे पत्थरों का डम्पयार्ड है जो अपनी सुंदरता और मनोरम दृश्य के लिए जाना जाता है। इस डम्पिंग यार्ड में संगरमरमर के काटने पर उससे निकला हुआ पाउडर बर्फ की खान के रूप में बहुत सुंदर दिखता है। ऐसा लगता है कि बर्फ की चादरों से ढका हुआ हो और यहां के डम्पिंग यार्ड में पानी भर जाने से वह जगह नीले रंग का बहुत आकर्षक दिखाई पड़ता है और आइसलैंड से उसकी तुलना की जाती है।

मॉनसून के दौरान किशनगढ़ डम्पिंग यार्ड का नजारा स्विट्जरलैंड के बर्फीली वादियों जैसा हो जाता है और इसलिए इसे राजस्थान का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। पर्यटक यहां की फोटोग्राफी करने से नहीं चूकते। कभी कभी ये स्थान सैलानियों को मालदीव जैसा भी दिखता है। इस जगह पर फिल्मों और गानों की शूटिंग भी होती है।

यहां घूमने लायक और कई जगह है जिसका आनंद पर्यटक ले सकते हैं। ये स्थान हैं :

किशनगढ़ किला 

राजस्थान के प्रमुख ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों में से एक यह किला अजमेर से करीब 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सन् 1649 में महाराजा रूप सिंह द्वारा बनवाया गया यह किला राजपूताना और मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना है। इस किले को रूपनगढ़ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां पर स्थित नौ ग्रहों का मंदिर दुनिया का इस तरह का एकमात्र मंदिर है। इस भव्य किले के अंदर कई महल और स्मारक हैं जो राजस्थान की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत की पहचान हैं। इस किले के पास एक खूबसूरत झील है जहां सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों का नज़ारा देखते ही बनता है।

Iceland in Rajasthan (Image Credit-Social Media)


किले के अंदर दीवारों पर बने भित्ति चित्र यहां की मशहूर चित्रकला बनी ठनी शैली को दर्शाता है। यह कला राजस्थान के शासकों की महान जीवनशैली का उदाहरण प्रस्तुत करता है।

दुश्मनों से बचने और सुरक्षा के लिहाज़ से बनाए गए इस किले के अंदर पर्यटक उस ज़माने के अनाज के गोदाम, जेल, शस्त्रागार आदि देख सकते हैं। नक्काशीदार पत्थरों से बने घर , पानी के फव्वारे और सजा आंगन सैलानियों को इस किले की ओर आकर्षित करता है।

बनी ठनी 

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बनी ठनी किशनगढ़ के मशहूर पेंटिंग्स यानी चित्रकला को कहते हैं।इस प्रसिद्ध चित्रकला को राजस्थान की मोनालिसा के नाम से भी जाना जाता है। बनी ठनी राजस्थान में राजा सांमत सिंह के दरबार में एक कवयित्री थीं।

फूल महल

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सन् 1870 में महाराजा रूप सिंह द्वारा किशनगढ़ किले के साथ इस खूबसूरत फूल महल का निर्माण भी करवाया गया था। यह महल उस जमाने में शाही निवास हुआ करता था लेकिन अब यह एक हेरिटेज होटल में तब्दील हो चुका है। इस महल के पास गुंडोलाव झील है। यह महल अपनी वास्तुकला के लिए मशहूर है। सैलानियों के लिए यह जगह खास आकर्षण का केंद्र रहता है।

गुंडोलाव झील

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यह झील किशनगढ़ के फूल महल के नजदीक स्थित है। प्राचीन काल में इस झील का पानी शाही परिवार पीने के लिए इस्तेमाल करता था। इस झील में उस दौरान शाही परिवार मनोरंजन भी करता था साथ ही इस महल से इसके प्राकृतिक और मनमोहक दृश्यों का आनंद भी लेता था। आज के दौरान अब यह झील बस देखने योग्य ही रह गई है।

मोखम विलास 

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किशनगढ़ का यह प्रसिद्ध स्थल गुंडोलाव झील के बीच में स्थित है। सैलानियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां से पर्यटक महल का आनंद ले सकते हैं और कई प्रकार के पक्षियों को भी देख सकते हैं। इस जगह पर्यटक शांति का माहौल महसूस कर सकते हैं।

खोडा गणेश जी मंदिर 

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किशनगढ़ से करीब 15 किमी की दूरी स्थित भगवान गणेश का यह प्राचीन मंदिर खोडा गणेश जी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण किशनगढ़ के शाही परिवार ने कराया था। प्रत्येक बुधवार के दिन गणपति की खास पूजा की जाती है जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं।

सुख सागर 

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यह जगह किशनगढ़ के गुंडोलाव झील के किनारे स्थित है। प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने, ट्रेकिंग के शौकीन और पक्षी प्रेमी इस जगह आना नहीं भूलते। इस जगह पर्यटक शांति जैसे वातावरण का आनंद उठा सकते हैं।

अजमेर शरीफ़ दरगाह

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किशनगढ़ के करीब यानि महज़ 27 किलोमीटर की दूरी पर मुग़ल शासक हुमायूं द्वारा बनवाया गया दरगाह अजमेर शरीफ़ स्थित है। यह दरगाह फ़ारसी सूफ़ी संत - ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की है। इस दरगाह में कई प्रवेश द्वार हैं, जो चांदी से बने हैं। इन दरवाजों पर प्राचीन नक्काशी का काम देखने को मिलता है। इस दरगाह में हर धर्म के लोग दूर दूर से आकर चादर चढ़ाते हैं और मन्नत मांगते हैं।

कैसे पहुंचें ?

हवाई मार्ग से यहां पहुंचने का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा यानि जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जहां से किशनगढ़ किला लगभग 145 किलोमीटर की दूरी पर है। जयपुर से अजमेर करीब 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बस या टैक्सी के द्वारा इस किले तक पहुंच सकते हैं।

रेलमार्ग से किशनगढ़ पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन अजमेर जंक्शन है। यह स्टेशन देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से किशनगढ़ किला करीब 27 किलोमीटर की दूरी पर है। इस स्टेशन से आप बस, टैक्सी या कैब से किशनगढ़ किला पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग से अजमेर पहुंच कर किशनगढ़ किला आसानी से जय जा सकता है। अजमेर राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। अजमेर तक आप कार, टैक्सी या बस से सफ़र करके किशनगढ़ किला पहुंच सकते हैं। अजमेर से किशनगढ़ लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

घूमने का सही समय 

यहां घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक रहता है। मॉनसून के दौरान भी घूमने का प्लान बना सकते हैं।

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