Beautiful Airport In India: ये है भारत का सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट टर्मिनल, यहां देखें डिटेल्स

India Beautiful Airports: सबसे खुबसूरत इंटीरियर के साथ दुनिया का सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट बनने में भारत का बेंगलुरु शहर सबसे आगे निकल गया है, इसके टर्मिनल 2 की खूबसूरती आपको सरप्राइज़ कर देगी..

Written By :  Yachana Jaiswal
Update:2024-06-18 10:57 IST

Bengaluru Airport Terminal 2 (Pic Credit-Social Media)

Bengaluru Airport Terminal 2 Details: बेंगलुरु प्रौद्योगिकी और साइबर का केंद्र है, इसलिए केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बेंगलुरु में यातायात में तेजी से वृद्धि हुई है। तेजी से विकास के कारण, इसे हवाई अड्डे में नई सुविधाओं की आवश्यकता है। बेंगलुरु देश के व्यस्ततम और आधुनिक हवाई अड्डों में से एक है। इसलिए, केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बेंगलुरु में टर्मिनल 2 (T2) का निर्माण किया गया। 

बहुत ही ज्यादा शानदार है टर्मिनल 2

एयरपोर्ट का नाम: केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बेंगलुरु (Kempegowda International Airport)

टी1 और टी2 एक ही एयरपोर्ट परिसर में लगभग 600 मीटर की दूरी पर हैं। निःशुल्क शटल बस द्वारा टर्मिनलों के बीच यात्रा करने में लगभग 10 मिनट का समय लगता है। नया टर्मिनल 2, 255,000 वर्गमीटर में बना हुआ है। यहां पर 4 प्रमुख स्तंभों पर डिज़ाइन निर्मित किया गया है। यह बेंगलुरु की समृद्ध संस्कृति, इतिहास, उद्यान शहर के रूप में इसकी प्रकृति और भारत के प्रौद्योगिकी केंद्र को दर्शाता है। चार स्तरों पर फैला, टर्मिनल निर्बाध प्रस्थान और आसान आगमन के लिए बनाया गया है। जो विभिन्न मंजिलों पर सुगमता से पहुंचाता हैं। टी2 का पैमाना और व्यावहारिक डिजाइन इसे अपने आप में एक गंतव्य बनाता है।



इस हवाई अड्डे को मिले दो पुरस्कर 

केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बेंगलुरु ने हाल ही में टर्मिनल 2 लॉन्च किया, जो गार्डन सिटी के कई पार्कों और हरे भरे स्थानों से प्रेरणा लेता है। इसे "बगीचे के भीतर टर्मिनल" के रूप में योजनाबद्ध किया गया है। केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बेंगलुरु को यूनेस्को के प्रिक्स वर्सेल्स 2023 द्वारा 'दुनिया के सबसे खूबसूरत हवाई अड्डे' का खिताब दिया गया। इसके अलावा, केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 2 ने हवाई अड्डे की श्रेणी में 'इंटीरियर के लिए विश्व विशेष पुरस्कार 2023' जीता। यहां तक कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेंगलुरु के लोगों को इस खिताब के लिए बधाई दी। 



टर्मिनल टू बेंगलुरु के लिए तोहफा 

टर्मिनल 2 गार्डन सिटी बेंगलुरु से ही प्रेरित है। एक बगीचे में टर्मिनल के रूप में डिज़ाइन विकसित किया गया। यह यात्रियों को भारत में कई पारिस्थितिक आवासों से प्राप्त अद्वितीय वनस्पतियों को देखने का अनुभव प्रदान करता है। टर्मिनल से गुज़रते समय 6 लाख से ज़्यादा पौधे बगीचे एक साथ दिखते हैं, जिससे विस्मय की अनुभूति होती है। इन पौधों को पूरी तरह से स्वचालित सिंचाई प्रणाली द्वारा पोषित किया जाता है। यहां पर 3600 से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए गए है। 600 से 800 वर्ष पुराने पेड़ भी है। 620 स्थानिक पौधे है।



टेक्नोलॉजी से बढ़ी है टर्मिनल की खूबसूरती 

टेक्नोलॉजी हर प्रक्रिया के केंद्र में है, जिसके परिणामस्वरूप दक्षता और यात्री आराम में सुधार हुआ है। एंड-टू-एंड डिजी यात्रा बायोमेट्रिक प्रक्रिया, सेल्फ-बैगेज ड्रॉप कियोस्क, फुल बॉडी स्कैनर और स्वचालित ट्रे रिट्रीवल सिस्टम यह सुनिश्चित करते हैं कि यात्रा आसान और अविस्मरणीय अनुभव में बदल जाए। T2 में, टेक्नोलॉजी बगीचों को पोषित करने और बनाए रखने के लिए एक स्मार्ट तंत्र के रूप में कार्य करती है। सेंसर के साथ दूर से प्रबंधित सिंचाई प्रणाली 6 लाख पौधों को पानी देने की तकनीक भी यहां स्थापित है। 



एयरपोर्ट पर लगी है 60 कलाकृतियां 

हवाई अड्डा वह जगह है जहाँ मानवीय भावनाओं की विविधता प्रदर्शित होती है। मानवीय भावनाओं का प्रतिबिंब कलाकृतियों को कहा जाता है। टी2 पर स्थापित कला दो थीम पर आधारित है - कर्नाटक की समृद्ध विरासत और संस्कृति, दूसरा भरत नाट्यशास्त्र के नौरस या नौ भावनाएँ। कलाकृतियाँ एयरपोर्ट पर आसानी से देखी जा सकती है जो यात्रियों की यात्रा में प्रकाशस्तंभ के रूप में काम करती हैं, जिससे यात्रियों को रुकने, चिंतन करने और आनंद लेने का मौका मिलता है। यहां पर 43 कलाकारों द्वारा 60 कलाकृतियां बनाकर स्थापित की गई है।



किसने किया है एयरपोर्ट टर्मिनल का ऐसा कायाकल्प 

इस एयरपोर्ट का निर्माण आर्किटेक्ट ग्रांट एसोसिएट्स और डिजाइनर अबू जानी-संदीप खोसला ने वैश्विक वास्तुकला फर्म स्किडमोर, ओविंग्स एंड मेरिल (SOM) के तहत किया है। स्किडमोर, ओविंग्स एंड मेरिल(Skidmore, Owings & Merrill), जिसे अब एसओएम के नाम से जाना जाता है, एक वास्तुशिल्प फर्म है। जो 80 से ज्यादा वर्षों से उद्योगों और विषयों में विभिन्न अंतःविषय परियोजनाओं में शामिल है।


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