Indore Famous Temple: 5 पत्नियों, 2 पुत्र संग विराजे हैं श्रीगणेश, अनोखा है इंदौर का ये मंदिर
Indore Famous Temple : भगवान गणेश को प्रथम पूज्य कहा जाता है और वह भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। चलिए आज इंदौर में मौजूद भगवान गणेश के अनोखे मंदिर के बारे में जानते हैं।
Indore Famous Temple: भगवान गणेश हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक है। देशभर में श्री गणेश के एक नहीं बल्कि अनेकों मंदिर मौजूद है, जिनके प्रति भक्तों की गहरी आस्था देखने को मिलती है। आज हम आपको भगवान गणेश के कैसे मंदिर के बारे में बताते हैं जहां पर वह अपनी पांच पत्तियों और दो पुत्र और पोतों के साथ विराजित है। यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर श्री गणेश को अपने पूरे परिवार के साथ देखा जाता है चलिए इस मंदिर के बारे में जानते हैं।
परिवार संग विराजे गणपति बप्पा (Ganpati Bappa Sitting with Family)
भगवान गणेश का यह मंदिर इंदौर शहर के पश्चिम क्षेत्र के विद्या धाम में मौजूद है। यहां भगवान गणेश को अपनी पांच पत्नी रिद्धि, सिद्धि, तुष्टि, पुष्टि और श्री के साथ देखा जा सकता है। यहां उनके दोनों पुत्र लाभ और शुभ भी मौजूद हैं और उसके अलावा दोनों पोते आमोद प्रमोद को भी यहां विराजित हुए देखा जा सकता है।
कब हुआ निर्माण (Built Since1995)
भगवान गणेश के इस मंदिर का निर्माण 1995 में विद्या धाम में तब हुआ था जब यहां पर 14 मंदिर में से एक गणेश मंदिर का निर्माण किया गया था। इस जगह की स्थापना स्वर्गीय महामंडलेश्वर गिरजानंद सरस्वती ने करवाई थी। गणेश उत्सव के दौरान इस मंदिर में खास तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और कहीं तरह के अनुष्ठान होते हैं। यहां पर 108 गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ और 1100 लड्डू का भोग लगाना सबसे खास माना गया है।
क्यों कहते हैं विद्याधाम (Why is it called Vidyadham)
बता दे कि भगवान गणेश यहां पांच पत्नियों, दो पुत्रों और पोतों के साथ बैठे हुए हैं, जो अपने आप में बहुत ही खास है। अधिकांश मंदिर में गणेश जी के साथ सिर्फ रिद्धि सिद्धि दिखाई देती हैं और उनकी अन्य तीन पत्नियों के बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है। शास्त्रों में इनका विधिवत उल्लेख दिया गया है। इसके अलावा लाभ और शुभ दोनों पुत्र और आमोद प्रमोद दोनों पोते भी यहां विराजमान है। इस जगह को श्री विद्या राजराजेश्वरी मां पराम्बा ललिता माह सुंदरी को समर्पित किया गया है और यहां पर उनकी 8 फीट ऊंची मूर्ति भी है। इस मूर्ति में देवी को शेर पर नहीं बल्कि महादेव की नाभि से निकले कमल पर विराजित देखा जा सकता है।
हर पहर का भोग (Every Hour Bhog)
इस मंदिर की एक और खासियत यह है कि यहां पर हर पहर में भोग लगता है। दरअसल यहां के मंदिरों में सूर्योदय से रात में विश्राम आरती तक सभी पहाड़ में भोग लगाया जाता है। दिन में दो बार श्रृंगार किया जाता है। इस मंदिर को दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है जहां शिव परिवार और गणेश परिवार के दर्शन होते हैं। इसके अलावा यहां भगवान हनुमान, परशुराम, शालिग्राम, शीतला माता, नवग्रह और भैरव जी के मंदिर विराजित है।