Kanpur Ma Durga Mandir: कानपुर के इस माँ दुर्गा के मंदिर की है काफी मान्यता, माता सीता ने यहीं करवाया था लव-कुश का मुंडन

Kanpur Maa Tapeshwari Devi Mandir: आज हम आपको कानपुर के प्रसिद्ध तपेश्वरी देवी मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं। मान्यता है कि माता सीता ने अपने दोनों पुत्रों लव-कुश का मंडन यहीं कराया था।

Update:2023-10-02 08:00 IST

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

Kanpur Maa Tapeshwari Devi Mandir: नवरात्रि का पावन त्योहार 15 अक्टूबर 2023 से प्रारम्भ होगा और इसका समापन 23 अक्टूबर 2023 को होगा। ऐसे में कई श्रद्धालू माता रानी के दर्शन के लिए उनके मंदिर पहुंचते हैं। नौ दिन चलने वाले इस त्योहार की हिन्दू धर्म में काफी मान्यता है। माँ के नौ रूपों की लोग नौ दिन पूजा करते हैं वहीँ कलश स्थापना से लेकर अखंड ज्योत तक रखी जाती है। मंदिरों में भारी भीड़ जमा होने लगती है। वहीँ अगर आप भी माँ के दर्शन के लिए उनके मंदिर जाना चाहते हैं तो आज हम आपको कानपुर के प्रसिद्ध तपेश्वरी देवी मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।

कानपुर का तपेश्वरी देवी मंदिर

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

कानपुर के तपेश्वरी देवी मंदिर में माँ के दर्शन हेतु भारी संख्या में लोग देश के हर कोने से आते हैं। इस मंदिर के प्रति लोगों की काफी आस्था है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि सतयुग में माता सीता ने अपने दोनों पुत्रों लव-कुश का मंडन यहीं कराया था। ऐसे में लोग यहाँ नवरात्रि के समय अवश्य जाते हैं और माँ से अपनी मनोकामना पूरी करने को प्रार्थना करते हैं। कानपुर के तपेश्वरी महादेव मंदिर की मान्यताओं को लेकर यहाँ भक्त दुनियाभर से आते हैं।

माँ खाली गोद भी देतीं हैं भर

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर में स्थित तपेश्वरी मंदिर लोगों की सभी मनोकामना पूरी करता है। यहाँ लोग अपनी मान्यताएं लेकर आते हैं और जब उनकी मनोकामनायें पूरी हो जाती है तो पुनः माँ के दर्शन के लिए आते हैं। वहीँ मान्यता है कि अगर निःसंतान दम्पति संतान की कामना पूरी करने को माँ से तो उसे भी माँ ज़रूर पूरी करतीं हैं। नवरात्रि के समय लोग देश भर से ही नहीं बल्कि दुनिया भर से यहाँ आते हैं। भक्त माँ से अपनी मनोकामना पूरी करने को कहते हैं और पूरे मन से उनकी पूजा अर्चना करते हैं। साथ ही लोग यहाँ पर लोग अपने बच्चों का मुंडन भी करवाते हैं।

माता सीता ने यहाँ की थी पूजा

Navratri 2023 (Image Credit-Social Media)

इस मंदिर को रामायण काल से जोड़कर देखा जाता है। जब माता सीता को भगवान् राम द्वारा त्याग दिया गया था तब लक्ष्मण जी माता सीता को छोड़ने के लिए बिठूर जा रहे थे। तब माता सीता इसी मंदिर के स्थान पर रुकीं थी और उन्होंने कुछ अन्य स्त्रियों के साथ यहाँ माता रानी की पूजा की थी। इसके सालों बाद यहाँ से माता रानी की एक मूर्ति अवतरित हुई जिसे मां तपेश्वरी देवी के नाम से जाना जाने लगा। लव कुश के जन्म के बाद माता सीता ने यहीं पर उनका मुंडन संस्कार भी करवाया था।

इसके बाद से ही लोग भी यहाँ अपने बच्चों का मुंडन करवाने लगे। ये मंदिर शहर के बिरहाना रोड पर स्थित है। नवरात्रि के समय यहाँ काफी भारी संख्या में लोगों का ताँता यहाँ लगता है। कई लोग इस दौरान माँ को चुनरी चढ़ाते हैं जब भक्तों की मनोकामना पूरी हो जाती है तब ही वो चुनरी खोली जाती हैं। इसके बाद भक्त इसे अपने घर ले जाते हैं। साथ ही संतान की कामना के लिए माँ से प्रार्थना करते हैं। इसके अलावा नवरात्रि पर मुंडन और कर्ण छेदन करवाने के लिए यहाँ भारी संख्या में लोग आते हैं। 

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