Tourism in Khajjiar: पैराग्लाइडिंग, गोल्फ, ट्रैकिंग और बोटिंग का भरपूर लुत्फ उठाना है तो आएं खज्जियार

Khajjiar Me Ghumne Ki Jagah: खज्जर में एक नाग देवता को समर्पित लोकप्रिय खज्जी नागा मंदिर भी है। कहा जाता है कि खज्जी नागा मंदिर की वजह से ही इस जगह का नाम खज्जियार पड़ा है।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2024-12-18 20:30 IST

Khajjiar Tour and Travel Guide

Khajjiar Top Tourist Places: आप अगर विंटर डेस्टिनेशन प्लान कर रहे हैं तो हिमाचल प्रदेश स्थित खज्जियार की सैर आपके लिए बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। प्राकृतिक छटाओं से ओतप्रोत यह बेहद खूबसूरत जगह है। यही वजह है कि जिंदगी में सुकून की तलाश में देश और विदेश से सैलानी खज्जियार घूमने के लिए आते हैं और यहां की सुंदरता से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। समुद्र तल से 1900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खज्जियार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा क्षेत्र में अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान को खज्जर, खज्जियार या खंजियार भी कहा गया है। आइए जानते हैं यहां स्थित पर्यटन स्थलों के बारे में विस्तार से -

लोकप्रिय नाग देवता को समर्पित मंदिर

खज्जर में एक नाग देवता को समर्पित लोकप्रिय खज्जी नागा मंदिर भी है। कहा जाता है कि खज्जी नागा मंदिर की वजह से ही इस जगह का नाम खज्जियार पड़ा है। माना जाता है कि यह प्राचीन मंदिर 10वीं शताब्दी का है। आप खज्जियार की यात्रा के दौरान इस सिद्ध मंदिर के भी दर्शन जरूर करने चाहिए।


इस जगह का नाम खज्जी नाग देवता पर पड़ा है, जिनका देवालय लगभग दो किलोमीटर लंबी और एक किलोमीटर चौड़ी घाटी के प्रवेश द्वार के पास स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इस क्षेत्र की विशाल झील में बहुत पहले खज्जी नाग का मूल निवास स्थल था, जिनके प्राचीन देवालय का निर्माण नागवंशी राजाओं द्वारा 12वीं शताब्दी के दौरान कराया गया था। शिल्प और काष्ठ कला से सुसज्जित इस मंदिर के प्रवेश द्वार के पास ही हिडिंबा देवी मंदिर मौजूद मिलता है। जिसके पास ही लकड़ी से निर्मित शिवशंकर का प्राचीन देवालय भी लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है।

खज्जी नाग देवता मंदिर को लेकर प्रचलित है ये कथा

कथा है कि सदियों पहले चंबा जिले में जब राणे हुआ करते थे, उसी समय गांव के सामने पहाड़ पर जलती हुई रोशनी दिखाई पड़ी। खजाना समझकर उन्होंने उसे जैसे ही वहां खुदाई की, चार नाग देवता प्रकट हुए। चारों को पालकी में डालकर वहां से लाया गया।


आगे सुकरेही नामक स्थान पर पालकी इतनी भारी हो गई कि उसे नीचे रखना पड़ा। तब चारों नाग उस पालकी से निकल कर अलग-अलग दिशा में चले गए और चारों नधूंई, जमुहार, खज्जियार और चुवाड़ी में जाकर अपना निवास स्थान बना लिया। उसमें पौराणिक स्थान ‘पूंपर’ जो पहले सिद्ध बाबा का स्थान था, वहीं खज्जी नाग के रहने के कारण वो स्थान खज्जियार नाम से लोकप्रिय हो गया।

ये हैं इस मंदिर की खास परंपराएं

खज्जर मंदिर को सिद्ध स्थल माना जाता है। स्थानीय लोग कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले खज्जी नाग के दरबार में आकर दर्शन अवश्य करते हैं।

जहां श्रद्धालुओं की मुंह मांगी इच्छा पूरी होती है। मनौती पूर्ण होने के बाद यहां त्रिशूल और विभिन्न धातुओं की बनी नाग मूर्ति चढ़ाने की परम्परा है। मंदिर के पुजारी अमरचंद के अनुसार यह मनौती का बड़ा ही सिद्ध स्थान है।

पंच पांडव वृक्ष स्थल

खज्जियार झील के आसपास घने देवदार के जंगलों के बीच, पंच पांडव वृक्ष खज्जियार में देखने के लिए सबसे अनोखी जगहों में से एक स्थल माना जाता है। इस पेड़ में छह शाखाएँ हैं। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि यह पांच पांडवों और द्रौपदी का प्रतिनिधित्व करता है।


पंच पांडव वृक्ष एक विश्राम गृह के पास स्थित है, जो दूरदराज के खज्जियार गाँवों की ओर जाता है। खज्जियार से डलहौजी की ओर लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर एक विशाल देवदार का पेड़ है, जिसमें लगभग 15 समान ऊँचाई की शाखाएँ हैं। इसे इस क्षेत्र और दुनिया भर में ’मदर ट्री’ के नाम से जाना जाता है।

यहां से मिलती है कैलाश पर्वत की झलक

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित खज्जियार जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के चलते ’मिनी स्विट्जरलैंड’ नाम से भी प्रसिद्ध है। हरे-भरे पहाड़ों और घने देवदार के जंगलों के बीच बसे शांत और खूबसूरत गाँव खज्जियार में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से कुछ हैं, जहाँ आप ग्रामीण जीवन का अनुभव कर सकते हैं। रोटा, लाडी आदि कुछ सबसे खूबसूरत गाँव हैं, जहाँ से कैलाश पर्वत, हरी-भरी ढलानें और बर्फ से ढकी चोटियाँ साफ दिखाई देती हैं, जिन्हें आप अपने कैमरे में कैद करना चाहेंगे। ये गाँव खज्जियार मैदान के आसपास हैं और अपने सेब के बागों के लिए मशहूर हैं।

पर्यटक यहां आते वक्त कैलाश पर्वत की झलक पाने के लिए साथ दूरबीन लाना नहीं भूलते।

खज्जियार झील

पर्यटक के आकर्षण का केंद्र खज्जियार झील 5000 वर्ग गज के क्षेत्र को कवर करती है। यहां पहाड़ी के शानदार रास्तों पर घुड़सवारी और ट्रैकिंग के साथ पर्यटक पैराग्लाइडिंग का भी जमकर लुत्फ उठाते हैं। हरे-भरे देवदार के जंगलों से घिरी खज्जियार झील 1920 मीटर की ऊँचाई पर स्थित एक प्राकृतिक वैभव है। हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक, यह मन और शरीर को तरोताज़ा करने के लिए शानदार स्थल है। इस जगह का मुख्य आकर्षण झील की सतह पर उगने वाली घास का एक समूह है, जो तैरता हुआ द्वीप है। खज्जियार झील में मुख्य रूप से स्थानीय लोग और पर्यटक पिकनिक, पैराग्लाइडिंग, ज़ोरबिंग और घुड़सवारी के लिए आते हैं।


धूप वाले दिन, झील से कैलाश पर्वत के मनमोहक दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। खज्जियार झील, अपने स्वर्गीय परिवेश और आकर्षक माहौल के साथ, खज्जियार के प्रमुख पर्यटन स्थलों की इस सूची में सबसे ऊपर है। खज्जियार के पास ही भगवान शिव की 85 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है। खज्जियार झील का मुख्य आकर्षण है, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं या शांति की तलाश में हैं तो खज्जियार आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां आप बोटिंग कर सकते हैं और पानी की सतह पर तैरते हुए आसपास की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य

30.69 वर्ग किलोमीटर में फैला कालाटोप वन्यजीव अभयारण्य खज्जियार में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है। डलहौजी और खज्जियार झील के बीच स्थित यह वन्यजीव अभ्यारण्य प्रकृति की सैर और लंबी पैदल यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। वन्यजीव अभयारण्य में ब्लू पाइन, ग्रीन ओक और रोडोडेंड्रोन जैसे पेड़ हैं। अभयारण्य के भीतर आप भौंकने वाले गोरल, हिमालयन ब्लैक मार्टन, लंगूर, सियार, भालू और तेंदुए को देख सकते हैं। रावी नदी की छोटी सहायक नदियाँ इस जगह को सुंदर और शानदार बनाती हैं।

खुलने का समयः

सुबह सात बजे से शाम छह बजे यहां आप विभिन्न प्रकार के वनस्पति और जीव-जंतुओं को देख सकते हैं। इस अभयारण्य में ट्रेकिंग करते समय आपको हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का अनोखा दृश्य देखने को मिलेगा।

नौ होल गोल्फ कोर्स

खज्जियार में नाइन होल गोल्फ कोर्स एक पर्यटन स्थल है। यह खज्जियार में उच्च श्रेणी की, शानदार जगहों में से एक है। यहाँ खेलों में शामिल होना खज्जियार के सुंदर दृश्यों और सुंदरता का आनंद लेने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।


यहां अपने परिवार संग पिकनिक मनाने के लिए सैलानी लगातार आते रहते हैं। यहां हरे-भरे मैदानों पर बैठकर खाने-पीने का मजा लेना अपने आप में एक अनोखा अनुभव है।

धौलाधार रेंज

खज्जियार में ट्रैकिंग के लिए घूमने की जगहों में खज्जियार घाटी में धौलाधार रेंज ट्रैकिंग के लिए एकदम सही जगह है। यहां बर्फ से ढकी चोटियाँ को देखने का आनंद अनूठा होता है। पहाड़ों की खूबसूरती को देखते हुए यहां शानदार समय बिताने के लिए और ही बहुत कुछ है।

हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प केंद्र

खज्जियार में खरीदारी के लिए जाने वाली जगहों में खज्जियार में आपको एचपी स्टेट हैंडीक्राफ्ट सेंटर जरूर जाना चाहिए।


इस जगह पर हस्तनिर्मित कालीन हो या आभूषण, दीवार पर लटकाने वाली चीज़ें हों या फर्नीचर, गलीचे या धातु के बर्तन, आपको यहाँ सब कुछ आपको मिलेगा।

कैसे पहुंचें :

चंबा से खज्जियार की दूरी 24 किलोमीटर और डलहौजी से 20 किलोमीटर है। यहां से पठानकोट सबसे समीप का रेलवे स्टेशन है, जहां से बस या टैक्सी से बनीखेत, डलहौजी होते हुए खज्जियार पहुंचा जा सकता है। यहां हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के समीपवर्ती नगरों से आवागमन के लिए ट्रेन और बस जैसे कई विकल्प उपलब्ध है।

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