Lucknow Sheetla Mata Temple: लखनऊ का ये देवी मंदिर है बेहद प्रसिद्ध, अलौकिक हैं यहाँ की शक्तियां

Lucknow Sheetla Mata Temple: लखनऊ का ये प्रसिद्ध देवी मंदिर बेहद प्राचीन है और यहाँ लोगों की काफी ज़्यादा मान्यता है आर आप भी माता रानी से कोई अपनी मनोकामना पूरी करवाना चाहते हैं तो इस नवरात्रि उनके इस रूप के दर्शन करें।

Update:2024-10-03 07:21 IST

Lucknow Sheetla Mata Temple (Image Credit-SocialMedam

Lucknow Sheetla Mata Temple: 3 अक्टूबर 2024 गुरुवार से नवरात्रि प्रारम्भ हो रही है ऐसे में सभी भक्त माता रानी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं। वहीँ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मंदिर है जो बेहद प्राचीन है और लोगों को इसमें काफी आस्था भी है। कहते हैं इस मंदिर में ढेरों चमतकरीक घटनाएं भी हुईं हैं जिसने भक्तों की आस्था को और भी ज़्यादा बढ़ाया है।

यूँ तो यहाँ भक्तों की भीड़ काफी रहती है लेकिन नवरात्रि पर और भी ज़्यादा तादात में भक्त यहाँ माता रानी के दर्शन हेतु आते हैं। यहाँ पर शीतला माता अपनी सात बहनों के साथ विराजमान हैं। इस मंदिर की काफी ज़्यादा मान्यता है जिसकी वजह से यहाँ के लोग माता रानी की विशेष पूजा अर्चना भी करते हैं। वहीँ होली के बाद की अष्टमी पर यहाँ शीतलाष्टमी पर भी भक्त शीतला माता को बसोड़े का प्रसाद चढ़ाते हैं।

आपको बता दें कि स्कंदपुराण के अनुसार शीतलादेवी का वाहन गर्दभ है। उनके हाथों में कलश, सूप, मार्जन-झाडू और नीम के पत्ते दिखाई देते हैं। वहीँ एसीई भी मान्यता है कि उन्हें चेचक आदि कई रोगों के निदान की देवी माना जाता साथ ही ये भी कहा जाता है कि गर्दभ की लीद के लेपन से चेचक के दाग मिट जाते हैं।

इस मंदिर को श्रीबड़ी शीतला देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है वहीँ ऐसा भी कहा जाता है कि साल 1779 में बंजारों ने वहां के तालाब में माता के पिंडी रूप के दर्शन किए थे। जिसके बाद उन्होंने माँ के पिंडी रूपों को वहीं मंदिर बनवाकर स्थापित करवा दिया। फिलहाल ये मंदिर श्रीबड़ी शीतला देवी मंदिर के रूप में लोकप्रिय है। यहाँ पर माता शीतला अपनी सात बहनों के साथ विराजमान हैं। आपको बता दें कि इन सात बहनों में माता सरस्वती, माता काली, मां दुर्गा, मां भैरवी, मां खजुरिया शामिल हैं। वहीँ मंदिर में मां अन्नपूर्णा, मां चंडी, मंसा देवी, संकटामाता की भी पूजा अर्चना की जाती है। इन मंदिरों को न सिर्फ हिन्दू राजा टिकैतराय बल्कि मुगलों का भी संरक्षण प्राप्त था। ये मंदिर बेहद पुराना है जिसका निर्माण लखौरी इंटों से किया गया है। वहीँ आपको बता दें कि यहाँ सिर्फ माता रानी के ही आपको दर्शन नहीं होंगें बल्कि इस मंदिर में चारमुखी शिवलिंग सहित कुल 28 शिवलिंग भी स्थापित हैं। यहाँ के लोग इस मंदिर में मुंडन, कर्णछेदन जैसे विभिन्न संस्कार भी करवाते हैं और नवरात्रि में यहाँ लोगों की आपको और भी ज़्यादा भीड़ नज़र आएगी।

इस मंदिर को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि यहाँ विराजमान सात बहनें इस मंदिर की रक्षा करती हैं और ये मंदिर काफी ज़्यादा प्राचीन है इसलिए भी इसकी काफी ज़्यादा मान्यता है। 

Tags:    

Similar News