Navratri 2025: नवरात्रि में लखनऊ के इस मंदिर में प्रतिदिन लगता है मेला, पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना
Navratri 2025: आज हम आपको लखनऊ के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर आप माता रानी के दर्शनतो करेंगें ही साथ ही इस दौरान यहाँ प्रतिदिन मेले का आयोजन भी किया जाता है।;
Navratri 2025 (Image Credit-Social Media)
Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि इस साल 30 मार्च से शुरू हो रही है जो 7 अप्रैल को रामनवमी के साथ पूर्ण होगी। ऐसे में भक्त माता रानी के दर्शन करने के लिए उनके मंदिरों में जाते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करने की इच्छा भी माता रानी के सामने रखते हैं। ऐसे में अगर आप लखनऊ में माता रानी के दर्शन करने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको दुर्गा मां के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो लखनऊ का बेहद प्रसिद्ध मंदिर है और यहां पर भक्तों की काफी आस्था भी है।
नवरात्रि में लखनऊ के इस मंदिर में प्रतिदिन लगता है मेला
लखनऊ से कुछ दूरी पर देवी दुर्गा का मुख्य मंदिर चंद्रिका देवी मंदिर स्थित है। दरअसल लखनऊ शहर के बक्शी का तालाब के पास एक गांव है जिसका नाम कटवाड़ा है यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 24 (लखनऊ सीतापुर रोड) के उत्तरी पश्चिमी की ओर गोमती नदी का तट हैं। यहां पर करीब 300 साल से यह मंदिर स्थित है। ऐसे में भक्तों की इस मंदिर को लेकर काफी आस्था और मान्यताएं शामिल है। नवरात्रि के समय यहां पर आपको मेले जैसा माहौल नजर आएगा दूर-दूर से लोग माता रानी के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं। वहीँ आपको बता दें कि चंद्रिका देवी मंदिर लखनऊ शहर से करीब 28 किलोमीटर दूर स्थित है।
मंदिर को लेकर रामायण काल से ही कई मान्यताएं मौजूद हैं इतना ही नहीं इस स्थान को महीसागर तीर्थ भी कहा जाता है। वहीँ इस मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। कहते हैं कि लखनऊ के संस्थापक लक्ष्मण के बड़े पुत्र राजकुमार चंद्र केतु अश्वमेध घोड़े के साथ एक बार गोमती के किनारे जा रहे थे वहीँ रास्ते में अंधेरा हो गया तो उन्होंने घने जंगल में आराम करने का निर्णय लिया इस दौरान उन्होंने देवी से अपनी सुरक्षा की प्रार्थना की। फिर करीब ढाई सौ साल पहले कुछ ग्रामीणों ने जंगलों में घूमते समय इस जगह को खोजा जो कि घने जंगल में छिपा हुआ था। इसके बाद इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कराया गया।
अमावस्या और नवरात्रि की पूर्ण संध्या पर यहां कई धार्मिक आयोजन भी किए जाते हैं। लोग दूर-दूर से यहां आकर हवन, मुंडन, कीर्तन और सत्संग भी करवाते हैं। आपको बता दें कि नवरात्रि के दौरान यहां रोज मेला लगता है मंदिर के दर्शन करने और मेले को घूमने के लिए श्रद्धालु भारी संख्या में मंदिर में आते हैं। वहीँ मंदिर के उत्तर में सूंडवा कुंड स्थापित है ऐसा कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से कुष्ठ रोग दूर हो जाता है। चंद्रिका देवी मंदिर में सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। गर्भ ग्रह में श्रद्धालु जाकर पूजा अर्चना करते हैं और ऐसी मान्यता है कि यहां माता रानी को चुनरी चढ़ाई जाती है जिससे भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मंदिर खुलने का समय
ऐसी मान्यता है की देवी मां यहां स्वयं प्रकट हुई थी काफी साल पहले यहां पर नीम का एक खोखला पेड़ हुआ करता था जिसमे से देवी मां प्रकट हुई थी। यहां पर दुर्गा जी की नौ पिंडिया मौजूद हैं। चंद्रिका देवी मां के अलावा यहां पर शिवलिंग और भैरव बाबा भी विराजमान है। जिनकी पूजा अर्चना भी यहां की जाती है। नवरात्रि के दिनों में मंदिर सुबह 4:00 बजे खुल जाता है और रात 10:00 बजे तक बंद होता है। वहीँ आम दिनों की बात करें तो सुबह 5:00 बजे मंदिर खुलता है और रात में 10:00 बजे मंदिर के द्वारा बंद हो जाते हैं। आरती सुबह 7:00 बजे होती है और नवरात्रि में आरती का समय सुबह 6:00 का है।