Ujjain Ranmukteshwar Temple: उज्जैन के इस चमत्कारी मंदिर में दर्शन कर कर्ज से मिल जाती है मुक्ति
Ujjain Ranmukteshwar Mahadev Temple: उज्जैन में एक नहीं बल्कि अनेक मंदिर हैं, जो अपने चमत्कारों की वजह से पहचाने जाते हैं। चलिए आज ऋण मुक्तेश्वर महादेव के बारे में जानते हैं।;
Ujjain Ranmukteshwar Mahadev Temple (Photos - Social Media)
Ujjain Ranmukteshwar Mahadev Temple: उज्जैन को बाबा महाकाल की नगरी के नाम से पहचाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यहां के कान-कान में भोलेनाथ का वास है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर के अलावा यहां ऐसे कई मंदिर है जो अपने चमत्कारों की वजह से पहचाने जाते हैं। आज हम आपके यहां के कैसे चमत्कारी मंदिर के बारे में बताते हैं जो शिप्रा नदी के तट पर मौजूद है और लोग यहां अपने कर्ज से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। हम उज्जैन के जी मंदिर की बात कर रहे हैं उसे ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर के नाम से पहचाना जाता है। यह मंदिर उज्जैन से लगभग 1 किलोमीटर दूर शिप्रा नदी के तट पर मौजूद है और बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।
शनिवार का विशेष महत्व
ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में वैसे तो रोजाना ही भीड़ देखने को मिलती है लेकिन शनिवार का दिन यहां काफी खास होता है। ऋण मुक्तेश्वर महादेव के बारे में कहा जाता है कि अगर आपके ऊपर कर्ज हो गया है और तमाम उपायों के बावजूद भी आप कर्ज से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। तो केवल महादेव के दर्शन मात्र से आपका सारा कर्जा खत्म हो जाएगा। शनिवार के दिन यहां जाना विशेष लाभकारी माना गया है।
Ranmukteshwar Mahadev Mandir
चढ़ती है पीली दाल
शनिवार के दिन यहां विशेष तौर पर पीली पूजा की जाती है। यानी की पीले कपड़े में पीली दाल, हल्दी की गांठ और गुड़ की पोटली बनाई जाती है। इसके बाद इसे अपनी मनोकामना बोलते हुए जलधारी पर अर्पित कर देते हैं। अगर इस उपाय के साथ महादेव से ऋण मुक्ति की प्रार्थना की जाए तो सारा कर्ज उतर जाता है।
Ranmukteshwar Mahadev Mandir
ऐसी है कहानी
सतयुग में राजा हरिशचंद्र ने ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा की थी तभी उन्हें भी ऋण से मुक्ति मिली थी, उन्हें एक गेंडे के भार इतना सोना ऋषि विश्वामित्र को दान करना था तो उन्होंने शिप्रा तट पर ऋणमुक्तेश्वर महादेव की पूजा की थी। यही वजह है कि आज भी इस मंदिर में कर्ज से छुटकारा पाने के लिए लोग महादेव की शरण में पहुंचते हैं।