UP Famous Teerth Sthal: उत्तर प्रदेश में यह इलाके हैं तीर्थ स्थल क्षेत्र, जानें यहां के नियम

Teerth Sthal Areas of UP : उत्तर प्रदेश में कई सारे धार्मिक नगरी मौजूद है लेकिन आज हम आपके यहां के घोषित किए गए तीर्थ स्थल क्षेत्र के बारे में बताते हैं।

Update: 2024-07-16 13:41 GMT

Teerth Sthal Areas of UP (Photos - Social Media)

UP Famous Teerth Sthal Details in Hindi : उत्तर प्रदेश भारत का एक प्रसिद्ध राज्य है जहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथहै। साल 2021 की जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा था कि मथुरा के सातों तीर्थ स्थलों में महसूस शराब की बिक्री पर बैन लगाया जाएगा। इसके लिए प्रशासन को प्रस्ताव भी भेज दिए गए थे। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद काशी जैसे कहीं स्थान आते हैं जो धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है और बड़ी संख्या में भक्ति यहां पर पहुंचते हैं। चलिए आज हम आपको तीर्थ स्थल क्षेत्र घोषित करने के नियम बताते हैं।

तीर्थ स्थल का मतलब क्या होता है? (What is the Teerth Sthal)

तीर्थ स्थल, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व वाले स्थान होते हैं. इन जगहों पर लोग प्रेरणा और संतोष के लिए जाते हैं. तीर्थ स्थल, नदी के घाट पर, पहाड़ी पर, या किसी और लोकप्रिय स्थान पर हो सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए लोग लंबी और अक्सर कष्टदायक यात्राएं करते हैं, जिन्हें तीर्थयात्रा कहते हैं. तीर्थ स्थल, दैवीय आस्था और भरोसे का केंद्र होते हैं. यहां श्रद्धालु भगवान की पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. हर तीर्थ स्थल का ऐतिहासिक रूप से अपना एक विशेष महत्व होता है|

Teerth Sthal Areas of UP


उत्तर प्रदेश के तीर्थ स्थल क्षेत्र (Teerth Sthal Areas of Uttar Pradesh)

बता दें कि सीएम बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, बलदेव,राधा कुंड को तीर्थ स्थल क्षेत्र घोषित किया है। वैसे तो प्रदेश में कई सारी धार्मिक नगरी है लेकिन औपचारिक तौर पर तीर्थ स्थल क्षेत्र में यह सा जगहशामिल है।

वृंदावन - वृन्दावन, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक व ऐतिहासिक नगर है। वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की लीला से जुडा हुआ है। यह स्थान श्री कृष्ण की कुछ अलौकिक बाल लीलाओं का केन्द्र माना जाता है। यहाँ विशाल संख्या में श्री कृष्ण और राधा रानी के मन्दिर हैं ।

बरसाना - यह एक दर्शनीय स्थल है। यहां राधा रानी और भगवान कृष्ण ने कई लीलाएं की है। साथ ही यहां पर राधा पानी के कई भक्तों ने यहां खूब भजन किया है। यहां एक कुआं है जहां से रोजाना राधा रानी मंदिर में राधा रानी के सेवा के लिए पानी जाता है।

नंदगांव - नंदगांव भगवान कृष्ण के पूज्य पालक पिता श्री नंदजी के निवास के रूप में बहुत महत्व रखता है। यहीं पर कृष्ण ने अपना बचपन बिताया और इस भूमि और इसके लोगों के साथ गहरा संबंध स्थापित किया।

गोवर्धन पर्वत - गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अंतर्गत एक नगर पंचायत है। गोवर्धन व इसके आसपास के क्षेत्र को ब्रज भूमि भी कहा जाता है। सदियों से यहां दूर-दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं। यह ७ कोस की परिक्रमा लगभग २१ किलोमीटर की है।

गोकुल - उत्सव के माहौल के अलावा, गोकुल में अनगिनत मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक कृष्ण के प्रति अटूट भक्ति का प्रमाण है। जटिल नक्काशी से सुसज्जित गोकुलनाथ मंदिर एक प्रमुख स्थल है। तीर्थयात्री मदन मोहन मंदिर में भी आशीर्वाद मांगते हैं, जो अपने शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।

बलदेव - बलदेव स्थान मथुरा जनपद में ब्रजमंडल के पूर्वी छोर पर स्थित है। मथुरा से 21 कि. मी. की दूरी पर एटा-मथुरा मार्ग के मध्य में यह स्थित है।

राधा कुंड - वृन्दावन में स्थित राधा कुंड बेहद पवित्र स्थान है। यह गोवर्धन परिक्रमा में एक प्रमुख मार्ग पर पड़ता है। इस कुंड को भगवान श्री कृष्ण का मुकुट कहा गया है। मान्यता के अनुसार, राधा कुंड में स्नान करने से दंपत्ति को संतान की प्राप्ति होती है और मनचाही मनोकामना पूरी होती है।

Teerth Sthal Areas of UP


ये है नियम तीर्थ स्थल के नियम (Rules of The Teerth Sthal)

तीर्थ स्थल घोषित करने के लिए कोई तय नियम नहीं है। यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है। यहां भी सीएम योगी की घोषणा के पास जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया था और शासन से अनुमति मिलने के बाद इन क्षेत्रों को तीर्थ स्थल घोषित कर दियागया।

Teerth Sthal Areas of UP


तीर्थ स्थल पर किन चीजों पर रोक (Prohibited Things in The Teerth Sthal

ज्यादा लोगों को लगता है कि मांस और शराब अभी से इलाके में नहीं मिलेगी। लेकिन आपको बता दें कि यह बहुत ही साधारण नियम है। फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के नियमों के मुताबिक धार्मिक स्थल के मुख्य गेट से 100 मीटर और उसकी परिधि के 50 मीटर के भीतर कोई भी दुकान नहीं खुल सकती। इसके अलावा ऐसा कोई भी नियम नहीं है जिसमें इन चीजों की बिक्री पर रोक लगाई जाए। आगर जिला प्रशासन द्वारा सरकार को प्रस्ताव भेजा जाता है और सरकारों से मान लेती है तो ऐसा हो सकता है। फिर इसमें शासन स्तर से आदेश जारी होते हैं और नियमों के साथ प्रतिबंध लगाया जाता है। 

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