Vaishno Devi Yatra: अब बिना चढ़ाई चढ़े पूरी कर सकते हैं वैष्णो देवी की यात्रा, माता रानी के दर्शन के लिए अब ऐसे जायेंगें यात्री
Vaishno Devi Yatra: अगर आप भी वैष्णो देवी की यात्रा करना चाहते हैं लेकिन 13 किलोमीटर ऊंचीं खड़ी चढ़ाई पर चढ़ने में असमर्थ हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। आपको अब पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
Vaishno Devi Yatra: अगर आप भी वैष्णो देवी की यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए एक खुशखबरी है जी हां अब आपको 13 किलोमीटर की चढ़ाई से छुटकारा मिल जाएगा। आइये जानते हैं क्या है यह पूरा मामला और किस तरीके से आप वैष्णो देवी यात्रा बिना खड़ी चढ़ाई चढ़े पूरी कर सकते हैं।
बिना चढ़ाई चढ़े पूरी करें वैष्णो देवी की यात्रा
माता वैष्णो देवी की यात्रा करने का हर किसी का सपना होता है और श्रद्धालु इसके लिए कई महीनो से प्लानिंग भी करते हैं लेकिन कई लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के चलते इस यात्रा को पूरी करने में काफी कठिनाई होती है ऐसे में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने तीर्थ यात्रियों को एक खुशखबरी दी है उन्होंने इस यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए लम्बे समय से चल रहे रोप वे की परियोजना के बनने का निर्णय ले लिया गया है।
इस सुविधा के साथ ही बहुत सारे श्रद्धालुओं को 13 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई जो चुनौती पूर्ण लगती थी वो अब आसान हो जाएगी। जहां एक और भैरव नाथ जी की चढ़ाई के लिए रोपवे की सुविधा दी गई थी वहीं अब वैष्णो देवी की चढ़ाई चढ़ने के लिए भी आपको रोप वे का सहारा मिल जाएगा। जिससे बहुत से श्रद्धालुओं को माता वैष्णो की चढ़ाई चढ़ने चढ़ने में आसानी होगी।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होने की भी उम्मीद की जा रही है। जहां पिछले साल माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए 95 लाख तीर्थयात्री आए थे और इसने एक नया रिकॉर्ड बनाया था वहीं अब इन श्रद्धालुओं की संख्या में और ज़्यादा बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जा रही है।
आपको बता दे कि परियोजना पर कई सालों से चर्चा चल रही थी वहीं अब बोर्ड ने तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा सुनिश्चित करते हुए रोपवे परियोजनाओं को लागू करने का फैसला कर लिया है इस रोपवे की परियोजना के पूरा होने से विशेष रूप से उन बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को लाभ होगा जो शारीरिक समस्याओं या हेलीकॉप्टर सेवा की सीमित क्षमता के कारण अपनी यात्रा को पूरा नहीं कर पाते थे।