World Most Strange Village: 90 सालों से इस गांव में बिना कपड़ों के रहते हैं लोग, जानिए क्या है इस चलन के पीछे की वजह
Duniya Ka Rahasyamayi Gaon: इस तरह की अनोखी परंपरा को मानने वाले गांव की बात करें तो ये ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर (Britain Hertfordshire Story) में स्थित है। इस गांव का नाम स्पीलप्लाट्ज है।
World Most Strange Village: आज के युग में जब रहन-सहन के तौर तरीकों में तेजी से तरक्की आती जा रही है, साथ ही लोगों के पहनने ओढ़ने के लहजों में भी निरंतर कुछ न कुछ नयापन देखने को मिलता है। वहीं विकास और शिक्षा के ओर अग्रसर इस पूरी दुनिया में कई ऐसी जगह भी हैं,जहां पर रहन सहन का तरीका देखकर लोगों को आश्चर्य हो सकता है। हम आपको ऐसी एक जगह से रूबरू करवाते हैं, जहां पिछले 90 वर्षों से यहां के स्थानीय लोग हर मौसम में शरीर पर वस्त्र नहीं धारण करते यानी निर्वस्त्र रहकर सामान्य जीवन जीते हैं। जबकि इनके पास पैसों की कोई कमी नहीं।
ब्रिटेन में है यह गांव
इस तरह की अनोखी परंपरा को मानने वाले गांव की बात करें तो ये ब्रिटेन के हर्टफोर्डशायर (Britain Hertfordshire Story) में स्थित है। इस गांव का नाम स्पीलप्लाट्ज है। स्पीलप्लाट्ज शब्द का अर्थ होता मतलब खेल का मैदान होता है। यह गांव एक पवित्र गांव की तरह भी माना जाता है। सबसे बड़ी बात है कि ये लोग बिना वस्त्र के गरीबी की कारण नहीं कर रहे हैं और ना ये लोग आधुनिक सभ्यता से अपरिचित हैं।
बल्कि इस खास तरह की मान्यताओं का पालन कर ये लोग अपने को खुश महसूस करते हैं। - 72 डिग्री के साथ यह है दुनिया का सबसे ठंडा शहर माना जाता है। जहां पलके भी जम जाती हैं ऐसे में बिना वस्त्रों के रहना वाकई आश्चर्यजनक बात है।
लक्जरी सुविधाओं से लैस है यह गांव
स्पीलप्लाट्ज गांव के लोगों के पास पैसों की कोई कमी नहीं। इनका रहन सहन किसी हाईफाई लाइफ स्टाइल से कम नहीं होता है।
इनके पास बड़े बड़े बंगले, तैराकी की सुविधा के लिए एडवांस स्वीमिंग पूल, डिस्को, बार जैसी शानदार सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं। इस गांव में दो बेडरूम वाले बंगले भी हैं जिनकी कीमत 78.6 लाख से भी कहीं ज्यादा आंकी जाती है।
इस गांव पर अब तक बन चुकी हैं कई डॉक्यूमेंट्री फिल्म
ब्रिटेन के इस स्पीलप्लाट्ज पर लोग कई सालों से बिना कपड़ों के ही रह रहे हैं। आपको बता दें कि सिर्फ बड़े उम्र के लोग ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी बिना कपड़ों के ही रहते हैं।
यह गांव साल 1929 में बसाया गया था। इस पर अब तक कई डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी हैं। इस गांव में अगर आप भी घूमने आना चाहते हैं तो आ सकते हैं। यहां किसी के भी आने के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन यहां के नियम और कायदे कानून को सभी को मानना जरूरी होता है।
ये थे इस गांव के संस्थापक
एक अंग्रेजी बैरिस्टर चार्ल्स मैकास्की ने साल 1929 में ब्रिटेन के इस स्पीलप्लाट्जइस गांव में खास समुदाय की स्थापना की थी। उनका मानना था कि प्रकृति और शहर में रहने वाले लोगों के बीच कोई अंतर नहीं होता है।
साथ ही उन्होंने प्रकृति और मानव के बीच तालमेल को बिठाने के साथ समुदाय के लोगों को कपड़े नहीं पहनने पर जोर दिया था। यही नहीं, इस जगह के लोगों का भी यह मानना है कि भगवान ने बिना कपड़ों के ही लोगों को भेजा है ऐसे में ये दिखावटी कपड़ो को नहीं पहनना चाहिए। ये प्रकृति के खिलाफ है।