जयपुर: जीवन में हर दिन एक सा नहीं होता है। कभी गम तो कभी खुशी का मेला रहता है। फिर भी हम अपने सत्कर्मों से जीवन को खुशहाल और आसपास के माहौल खुशनुमा बनाने का प्रयत्न करते हैं। लेकिन जीवन में खुशी ज्यादा और गम की छाया कम पड़े इसके लिए हम कुछ उपाय बता रहे जिससे ज्योतिष में कुंडली के अशुभ ग्रहों के दोष दूर कर शुभ कर सकते हैं। ये तरीके सरल हैं लेकिन चमत्कारिक है....
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*अगर आपका सूर्य अशुभ है तो पिता की सेवा करें।
*अगर आपका चंद्र अशुभ है तो मां का आशीर्वाद लें।
*अगर पिछले जन्म का मां का कर्ज है तो इस जन्म में मंगल अशुभ होगा। मां को मीठा खिलाएं।
*अगर आपका बुध अशुभ है तो बहन व बुआ का आशीर्वाद लें। उन्हें प्रसन्न रखें।
*गुरु अशुभ है तो समझिए कि पिछले जन्म का मंदिर का ऋण है। अत: मंदिर में सेवा करें। दादा या किसी बजुर्ग की सेवा करें।
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*अगर कुंडली में शुक्र अशुभ है तो समझिए पिछले जन्म का पत्नी का ऋण है। अपनी पत्नी से कभी तेज आवाज में बात न करें। पत्नी का अपमान न करें। उसे गुलाबी वस्तु उपहार में दें।
*अगर कुंडली में शनि-राहु अशुभ हैं तो है अपने अधीनस्थ लोगों को हमेशा खुश रखें। नौकरों पर गुस्सा न करें।
*अगर केतु कुंडली में अशुभ है तो पिछले जन्म का पुत्र दोष है। अत: इस जन्म में पुत्र से बैर न रखें। उसे मनचाही वस्तु उपहार में देकर इस ऋण का निवारण करें।