जरा इधर भी ध्यान दें! कान्हा की नगरी के इस लाल ने किया ऐसा काम कि हो गया 'कमाल'

अगर आपके इरादे बुलंद हो और अपनी काबिलियत पर विश्वास हो तो असंभव कार्य भी संभव बन जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया मथुरा के बालाजीपुरम के रहने वाले शशिकांत भारद्वाज ने, जिन्होंने चांद पर चलने वाली मून बग्गी का निर्माण किया है।

Update: 2017-03-02 12:34 GMT

मथुरा: अगर आपके इरादे बुलंद हो और अपनी काबिलियत पर विश्वास हो तो असंभव कार्य भी संभव बन जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया मथुरा के बालाजीपुरम के रहने वाले शशिकांत भारद्वाज ने, जिन्होंने चांद पर चलने वाली मून बग्गी का निर्माण किया है।

मून बग्गी के निर्माण के चलते उनका चयन अमेरिका के अल्बामा स्थित मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर और रॉकेट स्पेस सेंटर हेबीटेट-2 में होने वाली 'नासा ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज प्रतियोगिता के लिए हुआ है।

अगली स्लाइड में जानिए क्या करते हैं शशिकांत के पिता ...

शशिकांत भारद्वाज के पिता जयप्रकाश भारद्वाज

देश के लिए गर्व की बात

-शशिकांत भारद्वाज की टीम में कुल छह सदस्य शामिल हैं।

-शशिकांत भारद्वाज के पिता जयप्रकाश भारद्वाज बालाजीपुरम में आटा चक्की चलाते हैं।

-उनके पिता बताते हैं कि उनका बेटा शशिकांत शुरूआती पढ़ाई के दिनों से ही काफी तेज है।

-शशिकांत की इस सफलता के बाद उनके दोस्तों और उनके परिजनों में एक खुशी की लहर है।

-जिन्होंने असुविधा की हालात को मात देते हुए कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिससे उनके परिवार के साथ ही देश के लिए भी एक गर्व की बात है।

-यह प्रतियोगिता इस साल 31 मार्च से शुरू होकर 2 अप्रैल को समाप्त होगी।

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