मंगल दोष से पानी है मुक्ति तो पुष्य योग में करें 30 मई को ये युक्ति

Update:2017-05-29 13:35 IST

लखनऊ: मंगलवार 30 मई को सूर्योदय से लेकर शाम लगभग 05.25 तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। मंगलवार को पुष्य नक्षत्र होने से इस दिन पुष्य योग होगा। जिन लोगों की कुंडली में मंगल अशुभ प्रभाव देता है वे यदि इस दिन कुछ खास उपाय करें तो इस दोष से बहुत हद तक राहत पा सकते है।

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पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। यह नक्षत्र सप्ताह के विभिन्न वारों के साथ मिलकर विशेष योग बनाता है। इन सभी का अपना एक विशेष महत्व होता है। ऋग्वेद में इस नक्षत्र को मंगलकर्ता, वृद्धिकर्ता, आनंद कर्ता और शुभ कहा गया है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ फल देता है, वे यदि मंगल पुष्य के योग में कुछ विशेष उपाय करें तो लाभ मिलता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

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इस दिन करें मंगल पुष्य के योग में मंगल यंत्र की स्थापना और प्रतिदिन विधि-विधान से इसकी पूजा। इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा होती है।इसकी स्थापना से बहुत लाभ मिलते हैं। राजनीति, गृहस्थ जीवन, नौकरी पेशा आदि क्षेत्रों में परेशानी होने पर इस यंत्र की प्रतिष्ठा कर पूजा करने से सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस यंत्र के सामने सिद्धि विनायक मंत्र का नित्य जाप करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। मंगल यत्र की स्थापना के बाद प्रतिदिन इसके सामने बैठकर नीचे लिखे मंत्रों का जाप करना चाहिए। ये मंत्र इस प्रकार हैं-

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इनका करें नित्य जाप

- ओम् मंगलाय नम:

- ओम् भूमिपुत्राय नम:

- ओम् ऋणहन्त्रये नम:

- ओम् धनप्रदाय नम:

- ओम् स्थिरासनाय नम:

- महाकामाय नम:

- सर्वकाम विरोधकाय नम:

- लोहिताय नम:

- लोहितागाय नम:

- सांगली कृपाकराय नम:

- धरात्यजाय नम:

- कुजाय नम:

- भूमिदाय नम:

- भौमाय नम:

- धनप्रदाय नम:

- रक्ताय नम:

- सर्वरोग प्रहारिण्ये नम:

- सृष्टि कर्ते नम:

- वृष्टि कर्ते नम:

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इस योग में करें खास उपाय

*मीठी रेवड़ी या बताशे मंगल पुष्य योग में पानी में बहाएं।हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमानजी को गुड़-चने का भोग लगाएं और सबको प्रसाद के रूप में बांट दें।मसूर की दाल बहते हुए जल में प्रवाहित करें और इस दाल का दान भी करें तो मंगल देव बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

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*मंगल पुष्य योग में लाल रंग के कपड़े जरूरतमंदों को दान करें। इस योग में रक्तदान करने से भी मंगल देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी कर सकते हैं। तांबे या सोने की अंगूठी में मूंगा जड़वाकर पहनें, लेकिन रत्न पहनने के पहले किसी *बंदरों को भोजन कराएं। कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएं। चीनी, शहद या सिंदूर बहते हुए जल में प्रवाहित करें। गरीबों को मीठा भोजन करवाएं। चांदी के कड़े में तांबे की कील जड़वाकर पहनें।

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