लखनऊः इसे समझो न रेशम का तार भइया मेरी राखी का मतलब है प्यार भइया...... कुछ इसी जज़्बे के साथ नवयुग डिग्री कालेज की स्टूडेंट्स ने सीमा सुरक्षाबल के जवानों की कलाई पर राखी बांधी तो जवानों ने भी इन स्टूडेंट्स को दिल से आशीर्वाद दिया। हाथो में आरती की थाली लिए स्टूडेंट्स और देश की सुरक्षा में सहयोग करने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवानों का यह रिश्ता भले ही खून का न हो लेकिन देश की सुरक्षा में लगे इन जवानों की लंबी उम्र की कामना करते हुए यह स्टूडेंट्स रेशम की डोर हर साल इन जवानों की कलाई पर बांधती है।
अनूठा है रिश्ता
रक्षाबंधन के मौके पर भाई बहन का यह अनूठा रिश्ता हर साल इन जवानों को स्टूडेंट्स के बीच खींच लाता है। ख़ास बात यह है कि इन जवानों की कलाई पर रक्षा के सूत्र को बांधने के लिए स्टूडेंट्स भी इस रक्षापर्व का बेसब्री से इंतज़ार करती है। एसएसबी जवानों का मानना है कि रक्षाबंधन पर घर से दूर होने का एहसास बहुत कचोटता था, लेकिन ऐसे आयोजन का हिस्सा बनकर सिर्फ सगी बहन नहीं बल्कि यहां मौजूद सभी स्टूडेंट्स का बहन जैसा प्यार जवानों में नई ताक़त भरता है।
किया सुरक्षा का वादा
नवयुग गर्ल्स कॉलेज में रक्षापर्व के अवसर पर शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए सेवारत सौमित्र त्रिपाठी की तरफ से स्टूडेंट्स ने सीमा सुरक्षा बल के जवानों की कलाई पर राखी बांधते हुए उन्हें भाई का सम्मान दिया, तो जवानों ने भी देश और महिला सुरक्षा का वादा करते हुए स्टूडेंट्स को ढेर सारी दुआएं दी। सौमित्र त्रिपाठी साल 2005 से शहीद परिवारों और फौजियों के लिए कार्य कर रहे हैं। सौमित्र ने शहीद फौजियों की जीवनी पर एक पुस्तक ‘जरा याद इन्हें भी कर लो’ भी लिखी है।
सेल्फी ले बनाया यादगार
जवानों ने रंगारंग कार्यक्रम में देशभक्ति का एहसास अपने में संजोए कार्यक्रम का जम कर लुत्फ़ उठाया तो इस रक्षापर्व को यादगार बनाने के लिए स्कूली स्टूडेंट्स ने सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ सेल्फी ली।