PHOTOS: कुछ इस तरह बीटिंग रिट्रीट के साथ संपन्‍न हुआ गणतंत्र दिवस समारोह

सदियों पुरानी परंपरा 'बिटिंग द रिट्रीट' भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का रविवार को औपचारिक समापन हो गया। यह सेरेमनी राजधानी के विजय चौक पर इसका आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में तीनों सेनाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) के बैंड पारंपरिक धुन के साथ व अर्धसैनिक बल बीएसएफ के जवानों की मौजूदगी में समारोह आयोजित हुआ।

Update: 2017-01-29 14:45 GMT

नई दिल्ली : 26 जनवरी से शुरू होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का रविवार (29 जनवरी) को राजपथ के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के साथ समापन हो गया। इस कार्यक्रम में प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी के साथ, वाइस प्रेसिडेंट हामिद अंसारी और पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। गणतंत्र दिवस के इस समापन समारोह में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी के दौरान शानदार प्रस्तुति दी गई।

इस तरह मनाया जाता है

-इस कार्यक्रम का आयोजन परंपरा के अनुसार राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नेतृत्व में किया जाता है।

-प्रेसिडेंट इस सेरेमनी के मुख्य अतिथी होते हैं।

-इस सेरेमनी में राष्‍ट्रपति के अलावा पीएम नरेंद्र मोदी और तमाम अतिथी मौजूद थे।

-आज के बीटिंग रीट्रीट कार्यक्रम का आयोजन स्‍क्‍वाड्रन लीडर जी जयचंद्रन ने किया।

-इस प्रोग्राम में 16 सेना के बैंड्स के अलावा 16 पाइप एंड ड्रम बैंड शामिल हुए।

-इस समारोह में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी भाग लेते हैं।

-उसके साथ-साथ पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बैंड ने अपनी धुन बजाई।

सदियों पुरानी परंपरा

-बीटिंग रिट्रीट हमेशा से गणतंत्र दिवस समारोह के 3 दिन बाद मनाया जाता है।

-भारत में इसकी शुरुआत 1950 में हुई।

-इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं।

-सबसे पहली बार 18 जून 1690 में इंग्‍लैंड के राजा जेम्‍स टू ने अपनी सभी सेनाओं के लौटने पर ड्रम बजाने का आदेश दिया था।

-हर साल गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।

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