जानिए क्यों रखा जाता है सकट का व्रत, 108 बार करें इस मंत्र का जाप

Update: 2016-01-25 08:04 GMT

लखनऊ: माघ महीने के गणेश चतुर्थी को सकट, तिलवा और तिलकुटा चौथ का व्रत कहते है। इस बार सकट व्रत का पूजन 27 जनवरी यानि कि दिन बुधवार को होगा। ये व्रत महिलाएं संतान की लंबी आयु के लिए करती है। पहले ये व्रत पुत्र के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब बेटियों के लिए भी व्रत किया जाने लगा है।पंडित ललन त्रिपाठी ने व्रत के दिन चंद्रोदय का समय 8.40-45 के बीच बताया है।

कैसे करते है व्रत?

* पंडितजी के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है।

* इस दिन गणपति का पूजन किया जाता है।

* महिलााएं निर्जल रहकर व्रत रखती हैं।

* शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण किया जाता है।

* ये व्रत करने से दु:ख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

क्या है महत्व?

* 12 मास में आने वाली चतुर्थी में माघ की चतुर्थी का सबसे अधिक महत्व है।

* पुराणों के अनुसार, गणेश ने इस दिन शिव- पार्वती की परिक्रमा की थी।

* परिक्रमा कर माता-पिता से श्रीगणेश ने प्रथम पूज्य का आशीर्वाद का पाया था।

* इस दिन 108 बार ' ऊँँ गणपतये नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए।

* तिल और गुड़ का लड्डू श्री गणेश को चढ़ाने से रुके काम बनते हैं।

* इस दिन गणेश के साथ शिव और कार्तिकेय की भी पूजा कर कथा सुनी जाती है।

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