नई दिल्ली: हर साल नेशनल टेक्नालॉजी डे 11 मई को मनाया जाता है। भारत ने साइंस और टेक्नालॉजी के फील्ड में तरक्की कर खुद को साबित भी किया है। इसमें यहां की टेक्नालॉजी की भी अहम भूमिका है। ये दिवस वैज्ञानिक और औद्योगिक संस्थाओं के लिए खास महत्व रखता है। इस दिन भारत ने पोखरण में सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण कर एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल की थी। इसलिए इस दिन को नेशनल टेक्नालॉजी डे के रुप में मनाते है।
भारत
टेक्नालॉजी की बात हो और इंडिया का जिक्र ना हो कैसे संभव है। विश्व को ज्ञान का पाठ पढ़ाने वाला ये देश भले ही इन देशों से पीछे हो, लेकिन धीरे-धीरे ही खुद की बेहतरीन टेक्नालॉजी से वर्ल्ड के देशों को मात दे रहा है। यहां का जीपीएस सिस्टम, परमाणू पंडुब्बी और सबसे सस्ती कार नैनो बनाकर वर्ल्ड टेक्नालॉजी में अपनी धाक जमाई ।
दुनिया का हर देश किसी न किसी क्षेत्र में अव्वल है, जब टेक्नालॉजी की बात करें तो जहन में चाइना, जापान, साउथ कोरिया देश आ जाते है। मगर इनके अलावा भी कई ऐसे दूसरे देश हैं जो टेक्नालॉजी की दुनिया में अपनी धाक जमाएं हुए हैं। नेशनल टेक्नालॉजी दिवस पर कुछ ऐसे ही देशों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने टेक्नालॉजी की दुनिया में अपना अहम योगदान दिया है।
टेक्नालॉजी क्षेत्र में जापान सबसे उन्नत देश है जिसने साइंटिस्ट रिसर्च से लेकर ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, रोबोटिक्स के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है। यहां 34 प्रतिशत बिजली न्यूक्लियर पॉवर से जनरेट की जाती है। इसके अलावा जापानी रिर्सचरों ने कई नोबेल पुरस्कार भी जीते हैं।
कहा जाता है कि अगर चाइना इसी तरह टेक्नालॉजी पर काम करता रहा तो अगली महाशक्ति बन सकता है, इसका सबसे बड़ा कारण है टेक्नालॉजी में नंबर वन होना, पूरे विश्व में चाइना अपनी नवीनतम टेक्नालॉजी के लिए जाना जाता है, आज अगर हम रोबोटिक्स की बात करें, या फिर हाईस्पीड ट्रैन की चाइना में आपको सभी चीजें मिलेंगी। दिन पर दिन चाइना टेक्नालॉजी के क्षेत्र में नए आयाम छू रहा है।
यूनाइटेड स्टेट
स्पेस टेक्नालॉजी में एडवांस होने के साथ यूएस को दुनिया की महाशक्ति भी कहा जाता है, दुनिया की सबसे हाइटेक मिलिट्री भी यहीं है।
नीदरलैंड
नीदरलैंड टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे आगे है, यहां कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े कई उद्योग मिल जाएंगे। इसके अलावा डिस्क, आर्टीफीर्शियल किडनी बनाने के लिए भी नीदरलैंड जाना जाता है।
यूनाइटेड किंगडम
यूनाइटेड किंगडम दुनिया में पहला ऐसा देश है जहां पर इंडस्ट्रलाइजेशन शुरू हुआ था। इसके अलावा जेट इंजन, लोकोमोटिव इंजन, वर्ल्ड वाइड वेब, इलेक्ट्रिक मोटर का अविष्कार भी यहीं हुआ था।
फिनलैंड अपने हाईटेक प्रोडेक्ट्स और हेल्थकेयर के लिए जाना जाता है, इसके अलावा नोकिया का जन्म भी यहीं हुआ था जो एक समय में मोबाइल की दुनिया में नंबर वन कंपनी थी।
रूस
रूस ने ही सबसे पहले अंतरिक्ष में मानव को भेजा था, इसके अलावा रूस हैवी मशीनरी और डिफेंस सिस्टम के लिए भी जाना जाता है। धरती से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी सबसे पहले रूस में ही बनाई गईं थीं।
जर्मनी
जर्मनी कई दशकों तक हाइटेक देशों में गिना जाता रहा है, खास कर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जर्मनी का बहुत नाम है। मर्सिडीज बेंज, बीएमडब्लू, पोर्श और फॉक्सवैगन जैसी नामचीन कार कंपनियां जर्मनी में ही हैं।
इजरायल
इजरायल का 35 प्रतिशत एक्सपोर्ट तकनीक से जुड़ा होता है, स्पेस साइंस के क्षेत्र में आने वाले टॉप 5 देशों में से इजरायल भी शामिल है। इजरायल को डिफेंस प्रोडक्ट्स के लिए भी जाना जाता है। यहां पर सबसे पहला यूएवी यानी अनमैन्ड एरियल विहेकिल सिस्टम बनाया गया था। इसके अलावा इजरायल इलेक्ट्रिक कार भी बनाता है।