UP Teacher Recruitment: आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने सतीश महाना से लगाई न्याय की गुहार
UP Teacher Recruitment: आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश सतीश महाना से गुहार लगाते हुए कहा है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले का मामला पिछले 3 साल से हाईकोर्ट में लंबित है।
UP Teacher Recruitment: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर अब मामला बढ़ता नजर आ रहा है। आज यानी मंगलवार को आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह के आवाहन पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को भी व्हाट्सएप के माध्यम से अवगत कराते हुए इस भर्ती में न्याय देने के लिए गुहार लगाई है ।
संदेश भेज बयां किया अपना दर्द
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश सतीश महाना से गुहार लगाते हुए कहा है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले का मामला पिछले 3 साल से हाईकोर्ट में लंबित है। 13 मार्च, 2023 को लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच उत्तर प्रदेश सरकार को इस भर्ती की 1 जून, 2020 को प्रकाशित लिस्ट को दोबारा से बनाने के आदेश दे चुकी है। लेकिन आज 6 महीने से अधिक का समय हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं किया है। आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया में चयन से बाहर है जबकि इन आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की जगह बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने ऐसे 19000 अभ्यर्थियों का चयन कर दिया, जिन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होना ही नहीं चाहिए था ।
अभ्यर्थियों की मांग
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से स्पष्ट तौर पर गुहार लगाते हुए कहा है की आरक्षण का मामला वर्तमान में लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच में चल रहा है। जहां पर अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। ऐसी स्थिति में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी चाहते हैं, कि आप आप अपने स्तर से अभ्यर्थियों को न्याय देने हेतु पहल करे। उत्तर प्रदेश सरकार को आदेशित कीजिए कि जितने भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी लखनऊ डबल बेंच में आरक्षण के मुद्दे पर स्पेशल अपील याचिका संख्या 172/2023 महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार में याची बनकर अपने न्याय के लिए मुकदमा लड़ रहे हैं। उन सभी याची अभ्यर्थियों को याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण कर दिया जाए। यदि आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को इस भर्ती में याची लाभ दे दिया जाता है, तो यह मामला पूरी तरह से निस्तारित हो जाएगा। विपक्ष द्वारा सरकार को बदनाम करने का मुद्दा नहीं मिलेगा ।