अब अपराधी हुए बेरोजगार, अपराध में आई भारी गिरावट गिरावट
पूरे जोन में अप्रैल महीने में हत्या, किडनैपिंग, दहेज हत्या, लूट जैसे जघन्य अपराधों समेत अन्य अपराध भी औसतन 70 प्रतिशत की कम हो गए हैं।
मेरठ: मेरठ जोन में जघन्य अपराधों समेत सभी तरह के अपराधों में औसतन 70 फीसदी की कमी आई है। दरअसल,कोरोना चेन तोड़ने को लागू लॉकडाउन ने कोरोना से पहले इलाके के अपराधियों को हलकान कर दिया है। लॉकडाउन के दौरान सड़क से पब्लिक गायब है। ऐसे में लूटें किसे और कैसे? ये वही अपराधी हैं, जो शिकार को सामने देखते ही बेरहम हो जाते थे। लॉकडाउन के दौरान पब्लिक से सूनी सड़कें बदमाशों की पहली मुसीबत बन गई हैं। दूसरी मुसीबत साबित हो रही है चप्पे-चप्पे पर मौजूद पुलिस और बैरिकेट्स। ऐसी हालत में अपराधी अपराध को अंजाम दे भी तो कैसे।
लॉकडाउन -कोरोना के चलते घटी अपराधों की संख्या
मेरठ जोन में अपराधों में हुई जबरदस्त गिरावट का श्रेय एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार इलाके की पुलिस को देते हैं। उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान पुलिस की सभी जगह मौजूदगी और राउंड-ओ-क्लॉक चेकिंग के कारण अपराधी अब घर से बाहर निकलने से घबरा रहे हैं। एडीजी जोन प्रशांत कुमार कहते हैं, थोड़े बहुत जो अपराध हो भी रहे हैं तो उसकी वजह सिर्फ आपसी रंजिश या अन्य सामाजिक कारणों को ही कहा जा सकता है। यहां बता दें कि मेरठ जोन में मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली समेत 8 जिले आते हैं। अपराध के हिसाब से जोन के मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद काफी कुख्यात रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों अपराधियों के खिलाफ जोन में चलाए गए ऑपरेशन लंगड़ा के दौरान अपराध में कमी आई थी,
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लेकिन कोरोना के दौरान हुए लॉकडाउन में हर जगह पुलिस की मौजूदगी ने तो मानो अपराधियों का मनोबल ही तोड़ दिया है। एडीजी जोन मेरठ कार्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार पूरे जोन में अप्रैल महीने में हत्या, किडनैपिंग, दहेज हत्या, लूट जैसे जघन्य अपराधों समेत अन्य अपराध भी औसतन 70 प्रतिशत की कम हो गए हैं। अप्रैल 2019 में जोन में अपहरण के 110 मामले सामने आए थे जबकि अप्रैल 2020 में 16 अपहरण हुए हैं। लूट के मामले तो 86 प्रतिशत कम हो गए हैं।
मेरठ जोन अपराध रहित
अप्रैल 2019 में जोन में लूट की 45 घटनाएं हुई थी। जबकि इस वर्ष अप्रैल में 6 घटनाएं हुई हैं। आंकड़ों के अनुसार अकेले गाजियाबाद में पिछले साल अप्रैल में लूट की 11 घटनाएं हुई थीं जबकि इस साल अप्रैल में वहां एक भी लूट नहीं हुई है। चोरी, घर में अवैध रूप से घुसने जैसे मामले में पिछले साल जोन में 992 केस दर्ज किए गए थे। जबकि इस साल अप्रैल में इनकी संख्या 114 है।
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इसी तरह वाहन चोरी की घटनाओं में भी भारी गिरावट आई है। पिछले साल अप्रैल माह में पूरे जोन से 686 वाहन की तुलना में इस वर्ष अप्रैल में 42 वाहन चोरी हुए हैं। यानी साफ है कि जब तक कोरोना के कहर से निपटने को मेरठ जोन में धारा-144 और लॉकडाउन लागू नहीं हुआ, तब तक बदमाश सड़कों पर लूट-खसोट करके खा-कमा रहे थे। जैसे ही शिकार घर में खुद को बंद कर लिए, सड़कें पुलिस और बैरिकेट्स से भर दी गई, वैसे ही अपराधी बेरोजगार हो गए।
सुशील कुमार