Vishwakarma Jayanti: विश्वकर्मा जयंती पर 75 कारीगर पुरस्कृत होंगे, प्रत्येक जनपद में प्रदर्शनी का आयोजन

Vishwakarma Jayanti: 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत 75 लाभार्थियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

Newstrack :  Network
Update: 2022-09-14 16:56 GMT

Lucknow: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) जी के जन्मदिन 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक चलने वाले "सेवा पखवाडे़" के अंतर्गत प्रदेश भर में खादी ग्रामोद्योग तथा एमएसएमई विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर लखनऊ में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना (Vishwakarma Shram Samman Scheme) के अंतर्गत पारंपरिक व्यवसाय के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 75 लाभार्थियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी तथा ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने खादी ने खादी भवन में सेवा पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन 17 सितंबर से पूरे देश में सेवा पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा प्रदेश में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।

ओडीओपी तथा खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी

आगामी 23 सितग्बर से 02 अक्टूबर तक प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ओडीओपी तथा खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी आयोजित की जायेगी। इसके अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत टूलकिट, ऋण, प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र आदि का वितरण भी किया जायेगा।

श्री सचान ने बताया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अंतर्गत विगत पांच वर्षों में 143412 पारंपरिक कारीगरों को प्रशिक्षण एवं उन्नत किस्म के टूलकिट देकर लाभान्वित किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त लाभार्थियों को व्यवसाय के विस्तार हेतु प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से जोड़कर उनकी पूंजीगत जरूरतों को पूरा कराया गया है। प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा पारंपरिक कामगारों के विकास हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित की जा रही है।

इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगर जैसे बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, राजमिस्त्री, मोची एवं हस्तशिल्पियों के आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण करते हुए उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जा रहा है। परंपरागत कारीगरों को कौशल वृद्धि के साथ उन्नत किस्म के टूलकिट उपलब्ध कराते हुए उनके वित्त पोषण की भी व्यवस्था की गई है।

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