FIR के बाद भी आरोपी नहीं गिरफ्तार तो पीड़ित ही हुआ अंडरग्राउंड

Update: 2016-05-10 11:07 GMT

लखनऊ: राजधानी पुलिस के काम करने के तरीकों पर आए दिन उंगलियां उठती रहती हैं। ताजा मामला भी ऐसा ही कुछ बयां कर रहा है। अपने किराएदार की पत्नी के साथ बदतमीजी करने वाला मकान मालिक जहां बेखौफ खुलेआम घूम रहा है। वहीं पीड़ित अपने परिवार के साथ अंडरग्राउंड होने को मजबूर है।

क्या है मामला ?

-मामला राजधानी के हजरतगंज थाने का है।

-अशोक यादव अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लक्ष्मण मेला मैदान के पास लालबहादुर यादव के मकान में रहते थे।

-बीते दिनों उन्होंने अपनी तहरीर में बताया कि 08 मई की रात वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सो रहे थे।

-उसी समय मकान मालिक का बेटा उनके कमरे में आया और उनकी पत्नी से बदतमीजी करने लगा।

-अशोक ने इसका विरोध किया और वीरेंद्र के पिता लालबहादुर यादव से शिकायत की।

एफआईआर की कॉपी

दोस्तों के साथ मिलकर की थी पिटाई

-अशोक यादव की मानें तो इस घटना के 20 मिनट बाद ही वीरेंद्र फिर वापस आया।

-इस बार उसके साथ उसके कई साथी भी थे।

-घर में घुसते ही उसने अपने दोस्तों के साथ अशोक और उसकी पत्नी पर हमला कर दिया।

-रॉड और डंडों से अचानक हुए हमले से पति-पत्नी दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

-शोर सुनकर जब आस-पास के लोग जुटने लगे तब वे भागे।

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पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल

मामले की जानकारी पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों घायलों को अस्पताल पहुंचाया। घायलों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 354, 354 (a) सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर किया गया है।

पीड़ित ही हुआ अंडरग्राउंड

-कई गंभीर धाराओं में मामला तो दर्ज कर लिया गया है लेकिन पुलिस आरोपी के साथ ही खड़ी दिख रही है।

-शिकायतकर्ता का आरोप है कि पुलिस ने आरोपी पक्ष की एक बाइक कब्जे में ली थी।

-लेकिन अब उसे भी वापस कर दिया गया।

-इस मामले में कार्रवाई ना होने से जहां एक तरफ आरोपी बेखौफ घूम रहा है।

-तो वहीं पीड़ित पक्ष डरकर अंडरग्राउंड होने को मजबूर है।

नहीं हुई कार्रवाई तो जाएंगे डीजीपी के पास

पीड़ित पक्ष ने बताया कि कार्रवाई ना होते देख उन्होंने इसकी शिकायत डीजीपी के पास की थी। डीजीपी जावीद अहमद ने कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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