Sultanpur News: अमेठी के बाद अब सुल्तानपुर का सारस चर्चा में, जाने सफरोज के साथ दोस्ती की कहानी

Sultanpur News: सुल्तानपुर में भी एक शख्स को सारस पक्षी का बच्चा खेतों के दरमियान मिला तो उस व्यक्ति ने भी उसे जंगली जानवरों से बचाने के लिऐ अपने घर ले कर चला आया और फिर क्या सारस का बच्चा इस युवक के घर का सदस्य बन गया।

Update:2023-03-29 23:37 IST
Afroz and Saras friendship

Sultanpur News: अमेठी के मो.आरिफ व उनके सारस की कहानी और उसपर हो रही राजनीति को लोग अभी तक भुला भी नही पाए थे की सुलतानपुर जिले में भी कुछ ऐसी ही कहानी सामने आई है। सुल्तानपुर में भी एक शख्स को सारस पक्षी का बच्चा खेतों के दरमियान मिला तो उस व्यक्ति ने भी उसे जंगली जानवरों से बचाने के लिऐ अपने घर ले कर चला आया और फिर क्या सारस का बच्चा इस युवक के घर का सदस्य बन गया।

अफ़रोज़ का दोस्त बन गया सारस, बच्चों की तरह दुलारता था अफ़रोज़

कहानी सुलतानपुर जिले छतौना गांव की जहां के रहने वाले अफरोज को चांदा इलाके में खेतों के बीच एक सारस पक्षी का बच्चा मिला जो की एकदम अकेला था अफरोज ने उसे यह सोच कर उठा लिया की नदी के किनारे जगली जानवर इस मासूम को मार न डाले अफरोज ने सारस के बच्चे को अपने घर ले आया और उसे पालना शुरू कर दिया सारस का बच्चा भी धीरे धीरे बड़ा होने लगा और वह अफरोज के घर एक सदस्य जैसा बन गया घर वालो के साथ खेलता मस्ती करता और साथ ही बैठ कर खाना भी खाता।

सारस का प्यार से नाम रखा स्वीटी,बना सबका दुलार

अफरोज का परिवार इस मासूम पक्षी से इतना घुल मिल गया की इनका नाम ही स्वीटी रख दिया किसी को क्या मालूम की जिस स्वीटी को घर वाले प्यार कर रहे है उसे एक दिन सरकारी महकमा अपने साथ लेकर चला जायेगा और घर में पसर जायेगा मातम ।

वन विभाग के अधिकारियों ने सारस को लिया कब्जे में,भेजा जाएगा पक्षी विहार

अफरोज के घर मंगलवार को अचानक वन विभाग की टीम पहुंची ह और अफरोज के परिवार के सामने उनके प्यारे सारस स्वीटी को लेकर चली गई बहरहाल परिवार वाले मिन्नते मांगते फरियाद करते रहे गुस्सा भी करते है पर सरकारी महकमा उनकी एक नही सुनता है और स्वीटी(सारस पक्षी)को लेकर चले जाते है ।

अफ़रोज़ की आंखे यह कहकर नम हो जाती है स्वीटी जब अभी उड़ नही पाती है जब वो उड़ने लगेगी तो वो उसे खुद छोड़ देगा घर के बच्चे भी स्वीटी के जाने से मायूस है तो वही दूसरी तरफ वन विभाग अपनी सफाई देते हुए कह रहा है की वन्य जीव अधिनियम 1972 के अंतर्गत किसी भी राज्य पक्षी को पालना कानून के खिलाफ है इस लिए सारस को यहां लाया गया है और इसे पक्षी विहार भेजने की तैयारी की जा रही है।

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