Gorakhnath Temple Attack: गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले अहमद मुर्तजा को मिली फांसी, पुलिसकर्मियों पर किया था अटैक
Gorakhnath Temple Attack: गोरखनाथ मंदिर में हमले के मामले में अदालत ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। मामले में दोषी करार दिए गए अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई है।
Gorakhnath Temple Attack: गोरखपुर में 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ मंदिर पर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले आतंकी अहमद मुर्तजा (Ahmad Murtaza) को फांसी की सजा सुनाई गई है। लखनऊ में एनआईए कोर्ट (NIA Court, Lucknow) ने मुर्तजा को घटना के 10 महीने बाद सजा सुना दी है। बता दें कि, गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने धारदार हथियार से हमला कर उनके हथियार छीनने की कोशिश की थी। जिसके बाद जांच में सामने आया था कि मुर्तजा आतंकी संगठन आईएस के लिए काम करता था। उन्हीं के आदेश पर गोरखनाथ मंदिर में हमला किया था।
दरअसल, बीते साल 4 अप्रैल को गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के जवान अनिल कुमार पासवान पर मुर्तजा ने अचानक धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। यही नहीं मुर्तजा ने जवान का हथियार भी छीनने का प्रयास किया था। इस दौरान मुर्तजा धारदार हथियार लहराते हुए नारा -ए- तकबीर, अल्लाह हू अकबर का नारा लगाने लगा। हालांकि इस दौरान जवानों ने अहमद मुर्तुजा को गिरफ्तार कर लिया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद इस पूरे मामले को जांच यूपी एटीएस को सौंप दी गई थी।
कौन है मुर्तजा?
अहमद मुर्तजा गोरखपुर शहर के सिविल लाइंस में रहने वाले मुनीर अहमद का बेटा है। उसने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। जबकि उसके पिता वकील हैं जो कई बड़ी कंपनियों में विधिक सलाहकार रह चुके हैं। मुर्तजा का परिवार पहले मुंबई में ही रहता था, लेकिन अक्टूबर 2020 में वह गोरखपुर आकर सिविल लाइंस में बस गया। मुर्तजा ने मुम्बई में रह कर पढ़ाई के साथ नौकरी भी की थी, लेकिन 10 महीने नौकरी करने के बाद वो गुजरात के जामनगर चला गया था। जिसके बाद वह वहां से गोरखपुर आ गया।
4 अप्रैल 2022 को हुआ था केस दर्ज
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) हमले मामले में दोषी करार दिए गए अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है। एनआईए कोर्ट (NIA Court) का ये बड़ा फैसला है। ज्ञात हो कि, पिछली सुनवाई में अदालत ने अहमद मुर्तजा को UAPA, देश के खिलाफ जंग छेड़ने तथा जानलेवा हमले के आरोप में दोषी करार दिया था। आज मुर्तजा को सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश किया गया था। जहां एटीएस-एएनआई अदालत ने अहमद मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई। अहमद मुर्तजा ने पूर्वांचल के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर में घुसकर सुरक्षाकर्मियों पर जानलेवा अटैक किया था। जिसके बाद 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ चौकी के मुख्य कॉन्स्टेबल विनय कुमार मिश्रा (Vinay Kumar Mishra) ने मुर्तजा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। विनय कुमार ही गोरखनाथ मंदिर के गेट नंबर-1 के सुरक्षा प्रभारी थे।
हमले के बाद लगाए थे धार्मिक नारे
अहमद मुर्तजा ने PAC के एक सिपाही अनिल कुमार पासवान पर हमला कर उनसे हथियार छीनने का प्रयास किया था। यह देख अन्य सुरक्षाकर्मी बचाव में आए तो मुर्तजा ने उन पर भी हमला बोल दिया। इसके बाद मुर्तजा हथियार लहराते हुए धार्मिक नारे लगाने लगा। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जांच और मामले की सुनवाई जारी रही। आरोपी के पास से हथियार, लैपटॉप और उर्दू में लिखी सामग्री बरामद हुई थी।
ATS की पूछताछ में मुर्तजा अब्बासी ने खुलासा किया कि ISIS कैंप से एक लड़की का उसे मेल आया था। मेल करने वाली लड़की ने अपना फोटो उसे भेजा था। उसने मुर्तजा से आर्थिक मदद मांगी तो मुर्तजा ने उसके अकाउंट में 3 बार में कुल 40 हजार रुपये भेजे थे। जिसके बाद लड़की ने भारत आकर मुर्तजा से मिलने का वादा भी किया था. उसने बताया है कि मेल के जरिए दोनों में बातचीत शुरू हुई और इस तरह मुर्तजा ISIS के लोगों के संपर्क में आया। यही नहीं उसने ISIS कैंप ज्वाइन करने की तैयारी भी कर ली थी।
तीन शब्दों के इर्द-गिर्द जिंदगी
जांच में मुर्तजा ने बताया कि ISIS कैम्प में रहने वाली एक लड़की से बातचीत शुरू होने के बाद जब वो आतंकियों के संपर्क में आया, तब उसे तीन शब्द सिखाये गए थे। उसे कहा गया था कि अब उसकी जिंदगी इन्हीं तीन शब्दों के इर्द-गिर्द घुमनी चाहिए।
तौहीद-अल-हकीमिया
मुर्तजा ने बताया है कि उसके आकाओं ने कहा था कि ये जिहाद का पहला चैप्टर है जिसका मतलब होता है कि अल्लाह ही इकलौता क़ानून बनाने वाला है। मुर्तजा ने बताया कि आतंकियों ने इसी हदीस की दुहाई देते हुए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को तबाह करने की बात कही थी।
कुफ्र बी ताघुत
मुर्तजा ने बताया कि उसके आकाओं ने ये अरबी शब्द को उसके जिहाद की लड़ाई के लिए दूसरा पाठ बताया था. इस शब्द का अर्थ है केवल अल्लाह पर भरोसा. इसमें अन्य किसी भी बुतपरस्ती को खारिज किया जाता है।
अल वाला वल बारा
अहमद मुर्तजा ने ATS को बताया है कि इस तीसरे शब्द के लिए उसके आकाओं ने जोर देते हुए कहा था कि यही उसकी रूह को ठंडक देगी। इस शब्द का अर्थ है जिहादी आंदोलन का विरोध करने वाले हर सिस्टम को खारिज करना।
कर रहा था जेहादी ऐप डिजाइन
मुर्तजा अब्बासी अपने आतंकी आकाओं के कहने पर JARIMA नाम का जेहादी ऐप डिजाइन कर रहा था। JARIMA का अरबी अनुवाद जुल्म होता है। अरबी भाषा के इस ऐप को डिजाइन करने के लिए वो पीयर-टू-पीयर ऐप के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था। वहीं, इस ऐप डिजाइन का मकसद इसके जरिए उन लोगों को जोड़ना था, जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है। पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग मुर्तजा आतंकियों से जरिमा ऐप को बनाने में मदद लेने के लिए संदेश लेने में करता था। पहले भी आतंकी पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग अपने संदेशों को भेजने में करते थे।
मुर्तजा पर पहले से थी नजर :
31 मार्च 2022 को खुफिया एजेंसियों ने 16 संदिग्धों की लिस्ट जारी की, जिसमें गोरखपुर के अहमद मुर्तजा अब्बासी का भी नाम था और उस पर नजर रखने के निर्देश जारी हुए थे।
2 अप्रैल 2022 को ATS टीम के सदस्य मुर्तजा की पड़ताल करने उसके गोरखपुर सिविल लाइन स्थित आवास पहुंचे।
2 अप्रैल 2022 को मुर्तजा को जानकारी मिली कि उसे ATS खोजने आई थी तो वह घर छोड़कर नेपाल भाग गया।
3 अप्रैल 2022 की शाम 7.24 बजे मुर्तजा नेपाल वाया बांसी गोरखपुर पहुंचा और गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया।
4 अप्रैल 2022 को मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में PAC पर हमला किया। तुरंत पकड़े जाने के बाद पुलिस ने उस पर दो केस दर्ज कर 4 अप्रैल को ही उसे कोर्ट में पेश किया और कस्टडी रिमांड पर ले लिया।
11 अप्रैल 2022 को कस्टडी रिमांड पूरी हो गई, लेकिन जांच पूरी नहीं होने से ATS ने दोबारा कोर्ट में अर्जी देकर उसकी रिमांड बढ़ाने की अपील की।
16 अप्रैल 2022 को मुर्तजा ATS ने मुर्तजा को UAPA के तहत आतंकी घोषित कर जेल वापस भेजा था।