मुजफ्फरनगर: डिस्ट्रिक्ट जेल में बंद कैदियों पर एड्स का खतरा मंडरा रहा है। इस घातक बीमारी की सूचना मिलते ही डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन में हड़कंप मच गया है। जांच के बाद 10 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। यह जानकारी तब सामने आई जब खुद कैदी ने इसका खुलासा किया।
कैदी ने खोला राज
-पिछले दिनों बुढ़ाना कोतवाली के कुतुबपुर निवासी एक कैदी की हालत बिगड़ गई थी।
-कत्ल के मुलजिम इस पीड़ित को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वह 5 साल से जेल में है।
-पीड़ित ने बताया कि करीब 4 महीने पहले जांच में उसे एचआईवी पॉजिटिव पाया गया था।
-जानकारी मिलने के बाद जेल और डिस्ट्रिक्ट ऐडमिनिस्ट्रेशन में हड़कंप मच गया।
-आनन फानन में 2400 कैदियों का एचआईवी टेस्ट कराया गया है।
-इनमें 10 कैदियों में एचआईवी पॉजिटिव पाया गया है।
-लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
लापरवाही क्यों ?
-पीड़ित का कहना है, कि जांच के बाद उसे फिर जेल भेज दिया गया।
-जेल में पीड़ित की हालत दिन ब दिन खराब होती गई।
-जेल ऐडमिनिस्ट्रेशन ने जानकारी के बावजूद उसे दूसरे कैदियों से अलग नहीं रखा।
-इस बात में लापरवाही बरती गई कि यह जानलेवा बीमारी दूसरे कैदियों में फैल सकती है।
-प्रमुख जिला चिकित्सा अधिकारी सुबोध कुमार ने 2400 कैदियों की जांच की बात स्वीकार की है।
-उन्होंने 10 कैदियों में एड्स के लक्षणों की भी पुष्टि की है।
-सुबोध कुमार ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलते ही पीड़ित का इलाज शुरू किया जाएगा।
-इस मामले में जेल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।
-हैरत की बात है कि एड्स से जूझ रहे मरीज को पुलिस ने लोहे की जंजीरों से जकड़ रखा है।