Air Quality Index UP: दिवाली से पहले जाने अपने शहर का प्रदूषण स्तर

Air Quality Index UP: दिवाली से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरे की घंटी बजा रहा है। जानें आपके क्षेत्र का वायु में प्रदूषण स्तर कितना है।

Report :  Jugul Kishor
Update:2022-10-21 16:26 IST

दिवाली से पहले जाने अपने शहर का प्रदूषण स्तर (Pic: Social Media)

Air Quality Index UP: दिवाली से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर खतरे की घंटी बजा रहा है। पिछले दो दिनों में नोएडा, गाजियाबाद यूपी के नंबर एक प्रदूषित शहर बने हुए हैं। आज (शुक्रवार) के दिन नोएडा में हवा का प्रदूषण खतरनाक स्थित में पहुंचा मिला है। नोएडा के 116 सेक्टर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 307 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में भी प्रदूषण की स्थित चिंताजनक स्थित में बनी हुई है। गाजियाबाद के लोनी में 346 एक्यूआई दर्ज किया गया। मेरठ में हवा का स्तर खतरनाक स्थित में हैं। पश्चिम यूपी के कई जनपदों में हवा का स्तर खराब है।

उधर, कानपुर में भी पिछले तीन-चार दिनों से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। सेंट्रल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार आज (शुक्रवार) को यहां के नेहरू नगर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 331 पाया गया। आइए जानें आज यानी शुक्रवार को यूपी के प्रमुख शहरों लखनऊ, मेरठ, आगरा, बरेली, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर और प्रयागराज में क्‍या रही एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स की स्थिति है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट https://app.cpcbccr.com/AQI_India/ के मुताबिक शुक्रवार यानि 21 अक्‍टूबर 2022 को इस समय लखनऊ के तालकटोरा क्षेत्र में हवा का स्तर 226, आगरा के संजय पैलेस के पास 147, बरेली के सिविल लाइन्‍स क्षेत्र में 114, वाराणसी के मलदहिया इलाके में 199, प्रयागराज के नगर निगम क्षेत्र में 175, कानपुर के नेहरू क्षेत्र में 231, गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्‍वविद्यालय क्षेत्र में 202, नोएडा के सेक्‍टर 116 में 310 और मेरठ के गंगानगर क्षेत्र में 204 पाया गया। इसमें सबसे खराब स्थिति गाजियाबाद के लोनी की पाई गई है।

आपके क्षेत्र में हवा का स्तर क्या है, हवा कितनी अच्छी या खराब है इसका पता एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) से लगाया जाता है। एक्यूआई का स्तर जब 0 से 50 के बीच में होता है तो उसे सबसे अच्छा माना जाता है, 400 से 500 के बीच एक्यूआई पहु्ंच जाने के बाद उसे बहुत गंभीर माना जाता है। 

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