UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश ने बढ़ाई सक्रियता, इन नेताओं पर निगाहें, अक्टूबर में मिलेगा इनाम?

Samajwadi Party News : अखिलेश यादव की निगाहें अब 'मिशन 2024' पर टिकी हैं। यही वजह है कि अब उन्होंने पार्टी की सदस्यता अभियान से लेकर बीजेपी सरकार को घेरने तक का पूरा खाका तैयार है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Update:2022-08-27 12:27 IST

संबोधित करते सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव 

Samajwadi Party News : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की हार को भुलाकर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की निगाहें अब 'मिशन 2024' (Mission 2024) पर गड़ गई है। यही वजह है कि अब पार्टी की सदस्यता अभियान से लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार को घेरने तक का पूरा खाका तैयार किया जा चुका है।

सपा सुप्रीमो अपने दमदार नेताओं को नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections in UP) और 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की अहम जिम्मेदारी सौंपने जा रहे हैं। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी ने फैसला किया है कि सरकार को घेरने के लिए हर छोटी-बड़ी घटनाओं की मॉनिटरिंग होगी और प्रतिनिधिमंडल द्वारा उसकी जांच कर घेरने की रणनीति बनाई जाएगी।

नेताओं पर नजर, रिपोर्ट कार्ड तय करेगा भविष्य

दरअसल अखिलेश यादव ने अपने नेताओं को निर्देश दिया है कि वह हर स्तर पर अपनी सक्रियता बढ़ाएं। प्रदेश में उत्पीड़न की घटनाओं पर सरकार को जोरदार तरीके से घेरने की भी रणनीति तैयार करें। साथ ही, उन्होंने सदस्यता अभियान (SP Membership Drive) को और तेज करने का भी निर्देश दिया है। सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा बनाई गई कमेटी सदस्यता अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले नेताओं पर नजर रख रही है। अक्टूबर में होने वाले सपा के सम्मेलन में इसी आधार पर विभिन्न नेताओं को अहम जिम्मेदारी मिलने की भी बात कही जा रही है। नेताओं की रिपोर्ट देखकर अखिलेश उन्हें प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक की जिम्मेदारियां सौंपेंगे।

बढ़े वोट प्रतिशत से सपा गदगद, हौसले बुलंद

यूपी विधानसभा चुनाव में सपा भले ही 111 सीटें जीतने में ही कामयाब रही हो। जिस वजह से सत्ता की कुर्सी हासिल करने से फिर चूक गई हो, लेकिन उनके वोट प्रतिशत में भारी इजाफा हुआ है। इससे उनके हौसले बुलंद हैं। अखिलेश यादव का वोट बैंक 30 फीसदी से ऊपर पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। इसी से उत्साहित उनकी पार्टी के रणनीतिकार इसे सहेजे रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। सदस्यता अभियान चलाने वाले वरिष्ठ नेताओं को प्रभारियों के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही, ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के अलावा क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले नेताओं को चिन्हित करने के भी निर्देश हैं। अक्टूबर महीने में होने वाले सम्मेलन में इन नेताओं को इसका इनाम भी मिलेगा।

गौरतलब है कि, अखिलेश यादव और उनके नेता बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर रहे हैं। उनका ये आरोप रहा है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को डराने, धमकाने और उन्हें जेल भेजा जा रहा है। लेकिन, 'अखिलेश की हुंकार' को देखकर सपा कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। इसी आधार पर अब इसे 2024 में भुनाने की रणनीति पर कार्य कर रहे हैं।

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