Aligarh news: 30 रुपए में कैसे मिले गाय को डाइट, मौत का घर बनी ये गौशाला

Aligarh News: जनपद में एक गौशाला ऐसा है जहां जीते हुए पशु को छोड़कर आया जाए तो कुछ दिनों में वो मृत पाया जाएगा।

Update:2023-03-17 19:16 IST
गौशाला में गायों की मौत (फोटो: सोशल मीडिया )

Aligarh News: एक तरफ जहां प्रदेश सरकार सीना चौड़ा करके गौशालाओं के विकास का दम भरती है, वहीं ज़मीन पर हकीकत का नजारा कुछ और दिखाई दे रहा है। जनपद में एक गौशाला ऐसी है जहां जीते हुए पशु को छोड़कर आया जाए तो कुछ दिनों में वो मृत पाया जाएगा। पिछले कुछ दिनों में हुई इस गौशाला में गायों की मौत इस बात की गवाही देती नजर आ रही है।

मौत का घर’ साबित हो रही गौशाला

सड़कों पर घूमने वाले आवारा गोवंशों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में करोड़ों रुपये खर्च कर गौशालाएं बनाई गई हैं, लेकिन जनपद की एक गौशाला गोवंशों का आसरा नहीं, बल्कि मौत का घर साबित हो रही है। राजीपुर गांव की निराश्रित गौशाला में आवारा गोवंशों की चारे-पानी की व्यवस्था ना होने के चलते भूख ओर प्यास से तड़प-तड़प कर गोवंशों की मौत हो रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी रोष है।

ग्रामीणों का आरोप है कि गोवंश अपने पैरों पर चलकर अगले दरवाजे से गौशाला में लाए तो जाते हैं, लेकिन गौशाला में चारे-पानी व देखरेख की व्यवस्था नहीं होने के चलते कुछ ही दिनों में मौत के शिकार बन जाते हैं, गौशाला के पिछले दरवाजे से गौवंश का शव ही निकाला जाता दिखाई देता है। राजीपुर के लोगों ने इस गौशाला को गौवंशों की मौत का घर कहना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला की दुर्दशा को लेकर उनके द्वारा ग्राम प्रधान से लेकर जिले के उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन समस्या का कोई निदान नहीं किया गया। गौवंशों की देखरेख कर रहे सुखदेव ने बताया कि गौवंशों के चारे के लिए 30 रूपये प्रति पशु के हिसाब से आते हैं। लेकिन उससे इन पशुओं का कुछ नहीं होता, देखरेख करने के एवज में उसे पारिश्रमिक के रूम में 3500 रूपये मिलते हैं। जो मनरेगा की मजदूरी से भी कम है। पिछले 7 माह से वेतन ही नहीं मिला। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि ब्लाक अकराबाद क्षेत्र में अन्य गौशालाओं की भी ऐसी ही दुर्दशा है।

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