बेसहारा बुजुर्गों की सुरक्षा और वृद्धाश्रम अधिकरण गठित करे सरकार : हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसहारा वयोवृद्ध नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल के लिए 2007 में बने कानून का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है।

Update: 2017-10-30 19:22 GMT

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसहारा वयोवृद्ध नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल के लिए 2007 में बने कानून का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को तीन महीने के अंदर कानून को लागू करने के आदेश जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक जिले में वृद्धाश्रम बने और अधिकरण एवं अपीलीय अधिकरण गठित किया जाए। कोर्ट ने कहा कि मेंटीनेंस ऑफिसर घोषित किया जाए। इसके साथ ही इस कानून के उपबंधों का समाचार मीडिया में प्रचारित किया जाए। सम्पति और जीवन की सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक डीएम के लिए गाइडलाइन जारी की जाए। कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों की जिला कमेटी भी गठित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की खंडपीठ ने जानकी देवी और अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

याची बेसिक शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत्ति अकेली अविवाहित 75 वर्षीय असहाय महिला है। न तो वह बोल सकती है और न ही लिख सकती है। लगभग कोमा की हालत में है। एक नजदीकी महिला ने पंजाब नेशनल बैंक में संयुक्त खाता खुलवाया और याची के पेंशन खाते से 22.50 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए और धीरे-धीरे 18 लाख रुपए निकाल लिया गया।

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इसके बाद पेंशन खाते से धनराशि ट्रांसफर न होने पर देखभाल की समस्या खड़ी हुई। कोर्ट ने जब व्यवस्था तंत्र की जानकारी मांगी तो सरकार को ऐसे कानून का पता चला और निर्देश जारी किया गया।

कोर्ट को बताया गया कि डीएम धन स्वीकृत करने के अधिकारी है। जिला समाज कल्याण अधिकारी को नामित किया गया है। कोर्ट ने कहा कि असहाय और वृद्ध नागरिक समाज के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। उनके जीवन और सम्पति सुरक्षा की जानी चाहिए।

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कोर्ट ने कहा है कि डीएम के नेतृत्व में सीएमओ, मुख्य ट्रेजरी अधिकारी और बीएसए व जिला समाज कल्याण अधिकारी की कमेटी याची की व्यवस्था और देखभाल करे।

कमेटी का संयोजक मुख्य ट्रेजरी अधिकारी होगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी हफ्ते में एक बार विजिट कर याची की दवा आदि की व्यवस्था कर बिलों को पास कराएं। वह डीएम को रिपोर्ट दें। सीएमओ इलाज और दवा की व्यवस्था करे। दैनिक जरूरतें पूरी हों। जरूरी हो तो वृद्धाश्रम में शिफ्ट करें।

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