Lucknow News: एमिटी यूनिवर्सिटी में कला और फैशन के क्षेत्र में तकनीकी बदलावों पर चर्चा: अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों ने साझा किए विचार

डिप्टी प्रो वाइस चांसलर डॉ. अनिल कुमार तिवारी ने सम्मेलन के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह आयोजन कला के क्षेत्र में हो रहे वैश्विक बदलावों को समझने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।;

Update:2025-03-28 20:32 IST

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Lucknow News: राजधानी में शुक्रवार को लखनऊ कैंपस में एमिटी स्कूल ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी और एमिटी स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स की ओर से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन फ्यूचर क्राफ्ट-डिजिटल इनोवेशन इन आर्ट, फैशन और टेक्नोलॉजी ने कला और फैशन के क्षेत्र में नये तकनीकी ट्रेंड्स और नवाचारों पर गहरी चर्चा की। इस सम्मेलन का उद्घाटन कई प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा किया गया।

इस दौरान आईआईटी कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शतरूपा ठाकुरता रॉय, पैंटालून्स की विजुअल मर्चेंडाइजर मैनेजर अंकिता मजूमदार, स्वतंत्र कलाकार वेलेंटीना चुरिकोवा, तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स की पूर्व टेक्सटाइल डिज़ाइन विभागाध्यक्ष डॉ. मोजगान जहानारा, और एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ कैंपस के डिप्टी प्रो वाइस चांसलर प्रो. अनिल कुमार तिवारी शामिल थे।

उद्घाटन सत्र में विचार और संवाद

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। प्रो. पूजा वर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में 210 से अधिक शोधार्थी, शिक्षाविद और छात्र भाग ले रहे हैं, जो देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़े हुए हैं। यह सम्मेलन कला और फैशन के विद्यार्थियों के लिए एक अनमोल अवसर है।

डिप्टी प्रो वाइस चांसलर डॉ. अनिल कुमार तिवारी ने सम्मेलन के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह आयोजन कला के क्षेत्र में हो रहे वैश्विक बदलावों को समझने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। वहीं डीन एकेडमिक्स डॉ. राजेश तिवारी ने भी कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन प्रतिभागियों को प्रसिद्ध विशेषज्ञों और शिक्षाविदों से सीखने का अद्भुत मौका देता है।

विचार और तकनीकी दृष्टिकोण पर हुई चर्चा

तेहरान से ऑनलाइन जुड़ीं डॉ. मोजगान जहानारा ने कहा कि हम अपनी कलाकृतियों में नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन रचनात्मक सोच का कोई विकल्प नहीं हो सकता। तो वहीं अंकिता मजूमदार ने कहा कि आज का फैशन डिज़ाइन डिजिटल तकनीक से एकीकृत हो चुका है, जिससे नए कला रूपों और डिजाइनों का विकास हो रहा है।

शोध-पत्र और पोस्टर प्रस्तुतिकरण सत्र आयोजित

आईआईटी कानपुर की डॉ. शतरूपा ठाकुरता रॉय ने तकनीक और स्थायित्व पर जोर देते हुए कहा कि तकनीक सिर्फ एक उपकरण है। जब तक हम उसमें रचनात्मकता और मेहनत नहीं डालते, तब तक वह बेकार है। वहीं उद्घाटन सत्र के बाद ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से समानांतर शोध-पत्र और पोस्टर प्रस्तुतिकरण सत्र आयोजित किए गए, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने विचार और शोध साझा किए। कार्यक्रम के समापन पर असिस्टेंट प्रोफेसर शिवांगी श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजन समिति का धन्यवाद किया।

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