रूढि़यों तथा आडम्बरों से दूर रहने की बुद्ध की शिक्षा पर आनंदीबेन का जोर

इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महात्मा बुद्ध का दर्शन सिर्फ आध्यात्म पर आधारित नहीं था, बल्कि व्यक्ति की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से भी सम्बद्ध था।

Update:2020-01-02 20:33 IST

राज्यपाल ने पुस्तक ‘बुद्धिज्म की बातें’ का विमोचन किया

लखनऊः राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज यहां अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, गोमतीनगर में सांसद डा. संघमित्रा मौर्य एवं श्री दीपक केएस द्वारा लिखित पुस्तक ‘बुद्धिज्म की बातें’ का विमोचन किया।

इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महात्मा बुद्ध का दर्शन सिर्फ आध्यात्म पर आधारित नहीं था, बल्कि व्यक्ति की दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से भी सम्बद्ध था।

राज्यपाल ने सुख का अर्थ समझाया

आनंदीबेन ने कहा कि वे मानव जीवन को सुखी एवं समृद्ध बनाये जाने पर विशेष ध्यान देते थे। सुख से उनका अभिप्राय केवल भौतिक संसाधनों की उपलब्धता से नहीं था। वे मानव जीवन के लिए न केवल सुख की सहज उपलब्धता चाहते थे, बल्कि समाज के सभी लोगों के लिये सुख की समान उपलब्धता की कामना करते थे।

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राज्यपाल ने कहा कि बुद्ध सामाजिक समरसता एवं समानता पर जोर देते थे और अंधविश्वासों, रूढि़यों तथा आडम्बरों से दूर रहने को कहते थे। उन्होंने ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि का जनता की सेवा के साथ-साथ पुस्तक लेखन का कार्य अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि लेखक द्वय ने अपनी इस रचना को धरातल पर लाने के लिए बौद्ध धर्म का बहुत ही बारीकी से अध्ययन किया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य को जन्मदिन की बधाई

आनंदीबेन ने श्रम, सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि जब समाज सेवा का कार्य करते हैं तो खुशी होती है। उन्होंने कहा कि जन्मदिन पर ब्लड कैम्प का आयोजन कराना एक सार्थक कार्य है। यह रक्त गरीब व असहाय लोगों के काम आयेगा।

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श्रम, सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध मानवता के पुजारी थे, जिन्होंने मानव कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार व मध्य प्रदेश उनके विशेष भ्रमण के क्षेत्र रहे हैं। आज भी बौद्ध धर्म को मानने वाले सैकड़ों अनुयायी बुद्ध के बताये हुए रास्ते पर चल रहे हैं।

इस अवसर पर महंत अग्ग महापण्डित भदंत ज्ञानेश्वर एवं डा. संघमित्रा मौर्य ने भी अपने विचार रखे। समारोह में भंते उपनंद थेरो तथा भंते नन्दरत्न थेरो सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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