विधानसभा चुनाव के पहले अब यूपी में भी गठित हो सकता है तीसरा मोर्चा
Assembly Election 2022: कुछ विधायक अपना एक अलग दल बना सकते हैं
Lucknow Political News: अब तक कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर बनते बिगड़ते रहे तीसरे मोर्चा का असर इस बार यूपी की राजनीति पर दिख रहा है। भाजपा और कांग्रेस के अलावा सपा-बसपा से भी दूरी बनाकर कई छोटे दल अगले विधानसभा चुनाव में 'तीसरा मोर्चा' बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
विधायक बना सकते हैं अपना एक अलग दल
हाल ही में बहुजन समाज पार्टी से अलग होकर अपना अलग गुट बनाने वाले नौ विधायक भी नए रास्ते की तलाश में हैं। फिलहाल वह समाजवादी पार्टी के सम्पर्क में हैं और अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। पर इन विधायकों ने समाजवादी पार्टी के सामने अपनी कुछ शर्ते भी रखीं हैं। यदि समाजवादी पार्टी ने उनकी शर्तो को न माना तो संभावना है कि यह सारे विधायक अपना एक अलग दल बना सकते हैं। जबकि बहुजन समाज पार्टी विधानमंडल पद से हटाए गए लाल जी वर्मा और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर ने कल देर रात भावी रणनीति बनाई। यह दोनो नेता भी नए दल का गठन कर किसी तीसरे मोर्च में शामिल होना चाहते हैं।
अन्य दलों के सम्पर्क में हैं शिवपाल सिंह यादव
इस समय यूपी में कई छोटे दल भागीदारी संकल्प मोर्चा के सम्पर्क में हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा का साथ देकर उत्तर प्रदेश की सरकार में शामिल रहे सुहेलदेव समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर अब भाजपा से अलग हो चुके हैं और उन्होंने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की जनाधिकार पार्टी, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, बाबू राम पाल की राष्ट्र उदय पार्टी, राम करन कश्यप की वंचित समाज पार्टी, राम सागर बिंद की भारत माता पार्टी और अनिल चैहान की जनता क्रांति पार्टी जैसे दलों को मिलाकर भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है। इस मोर्चे में असदुदीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमईएम) भी शमिल हो चुकी है। जबकि महान दल और भीम आर्मी भी किसी नए रास्ते की तलाश में हैं। वहीं समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी अलग पार्टी बनाने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव भी अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को लेकर भागीदारी संकल्प मोर्चा के अलावा अन्य दलों के सम्पर्क में है।