Lucknow News: शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल, एक अध्यापक पढ़ा रहे कई विषय

यूपी के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की बड़ी कमी

Newstrack :  Network
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-10-03 13:11 GMT

छात्रों की फाइल तस्वीर (फोटो-न्यूजट्रैक)

Lucknow News: प्रदेश में एक तरफ भर्ती की मांग को लेकर प्रशिक्षु शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में शिक्षकों की बड़ी कमी भी महसूस की जा रही है। हालांकि शिक्षा की सेहत सुधारने के लिए राज्य सरकार (State government) की तरफ से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बावजूद इसके शिक्षकों का अभाव बना हुआ है। बेसिक शिक्षा पर करोड़ों अरबों खर्च के बाद भी शिक्षकों की कमी सरकार के पूरे प्रयासों पर पानी फेर रहा है। राज्य सरकार (State government) की तरफ से समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) 2021-22 के लिए भेजी गई रिपोर्ट पर नजर दौड़ाई जाए तो उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है।

आलम यह है कि स्कूलों में छठवीं से लेकर आठवीं क्लास तक 70 फीसदी शिक्षक तीन विषयों (भाषा, गणित-विज्ञान और सामाजिक विषय) को पढ़ा रहे हैं। स्थिति यह है कि सामाजिक विषय में 1183 छात्रों पर एक शिक्षक है। विभागीय जानकारों की मानें तो शिक्षकों की कमी का प्रमुख कारण उच्च प्राथमिक स्तर पर सीधी भर्ती और प्रमोशन न किया जाना है। जानकारी के मुताबिक उच्च प्राथमिक स्तर पर वर्ष 2013 में आखिरी बार विज्ञान और गणित विषय के 29334 सहायक शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इसके बाद से भर्ती न किए जाने और जिलों में शिक्षकों को प्रमोशन न किए जाने से 9451 पद रिक्त हैं।

शिक्षकों के मामले में माध्यमिक स्कूलों की स्थिति भी ठीक नहीं है। यहां भी शिक्षकों की कमी बनी हुई है। राजकीय माध्यमिक स्कूलों में सामाजिक विषय का छात्र और शिक्षकों का अनुपात (पीटीआर) 252 है। मतलब 252 छात्रों पर एक शिक्षक है। वहीं विज्ञान में भी 230 छात्रों पर एक शिक्षक है। गौरतलब है कि राजकीय स्कूलों में वर्ष 2018 में शुरू हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। यहीं वजह है कि रिक्त शिक्षकों के पदों को भरने के लिए नया विज्ञापन भी जारी नहीं किया जा सका है।

बता दें कि प्रशिक्षु शिक्षक अभ्यर्थी काफी दिनों से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे है। प्रशिक्षु शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग व मुख्यमंत्री आवास तक घेराव करने की कोशिश कर चुके हैं। लेकिन उनकी मांग को लगातार नजंदाज किया जा रहा है। इससे प्रशिक्षु शिक्षक अभ्यर्थियों में सरकार के खिलाफ नाराजगी भी देखी जा रही है।

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