UP Election 2022: चुनाव से पहले सवर्ण महासंघ ने भरी हुंकार, हमारी मांगे नहीं मानी तो करेंगे सरकार के खिलाफ वोट
UP Election 2022 News: सवर्ण महासंघ फाउंडेशन ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि हमारा पूरा समाज इस बार एकत्रित होकर एक साथ सरकार के विरोध में वोट करेगा।
UP Election 2022 News: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) से पहले सवर्ण महासंघ फाउंडेशन (Savarna Mahasangh Foundation) ने भी अब सरकार के खिलाफ वोट करने की बात कर रहा है। सवर्ण महासंघ फाउंडेशन (Savarna Mahasangh Foundation) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि हमारा पूरा समाज इस बार एकत्रित होकर एक साथ सरकार के विरोध में वोट करेगा। उन्होंने कहा कि लगभग 74 वर्षों से अपने ही देश में सवर्णों को असंवैधानिक, अछूता बना दिया गया है। तरह-तरह के हथकंडे अपना कर के सवर्णों को शिक्षा, न्याय, नौकरी, प्रमोशन और राजनीति से वंचित किया जा रहा है। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि वह हमारी मांगों पर विचार करें। महासंघ (Savarna Mahasangh Foundation) ने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो आने वाले विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में उनके खिलाफ सवर्ण समाज (Savarna Samaj) एकजुट होकर मतदान करेगा।
पंजाब और हिमाचल प्रदेश में सवर्ण आयोग का हो चुका गठन: संस्थापक गजेंद्र त्रिपाठी
सवर्ण महासंघ (Savarna Mahasangh Foundation) के संस्थापक गजेंद्र त्रिपाठी (Founder Gajendra Tripathi) ने बताया कि पंजाब (Punjab) और हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में सवर्ण आयोग (savarna commission) का गठन हो चुका है। उत्तर प्रदेश में भी इसे लागू किया जाए। अगर सरकार हमारी सभी मांगों पर तुरंत निर्णय नहीं लेती तो वह गांव-गांव, मोहल्ला मोहल्ला व नगर-नगर में जाकर वर्तमान सरकार का विरोध करेंगे। उन्होंने सवर्ण समाज (Savarna Samaj) के सभी लोगों से से निवेदन किया कि वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए उनका साथ दें। गजेंद्र त्रिपाठी (Founder Gajendra Tripathi) ने यूपी सरकार (UP Government) से मांग की कि वह समाज समाज के लिए राष्ट्रीय समाज एक्ट (Savarna Samaj Act) बनाएं। साथी अगर कोई जातिसूचक शब्द कहे तो उसके लिए तुरंत जेल भेजने का प्रावधान भी कर लिया जाए।
सवर्ण समाज को तोड़ना चाहती है सरकार: प्रदेश अध्यक्ष
वहीं, सवर्ण महासंघ (Savarna Mahasangh Foundation) के प्रदेश अध्यक्ष अवनीश पाठक (State President Avnish Pathak) ने कहा कि यदि वर्तमान सरकार सवर्णों की आवाज नहीं सुनेगी, तो वह आंदोलन करेंगे। सवर्ण समाज (Savarna Samaj) सरकार का वोटर रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। वह ब्राह्मण वर्ग को रिझाना चाहती है जो अब संभव नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सवर्ण समाज (Savarna Samaj) को तोड़ना चाहती है लेकिन सवर्ण महासंघ फाउंडेशन (Savarna Mahasangh Foundation) इस चाल को सफल नहीं होने देगा। सवर्ण समाज (Savarna Samaj) के लोग घर घर जाकर वर्तमान सरकार का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चों के साथ सरकार अन्याय कर रही है। हमारे बच्चे 90% अंक प्राप्त करने के बाद भी अयोग्य कहे जा रहे हैं और 33% अंक पाने वाले सरकारी नौकरी कर रहे हैं। यह अन्याय अब सवर्ण समाज (Savarna Samaj) सहन नहीं करेगा। उन्होंने सरकार द्वारा बनाई गई 16 सदस्य समिति ब्राह्मणों के समिति पर भी निशाना साधते हुए कहा की इस बार ब्राह्मण उनके जाल में फंसने वाला नहीं है।
''हमारा संगठन विश्व स्तर का सामाजिक संगठन''
सवर्ण महासंघ फाउंडेशन (Savarna Mahasangh Foundation) के संस्थापक गजेंद्र त्रिपाठी (Founder Gajendra Tripathi) ने बताया की हमारा संगठन विश्व स्तर का सामाजिक संगठन है। वर्तमान में सवर्ण महासंघ फाउंडेशन कई देशों जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, थाइलैंड के साथ-साथ भारत के 18 राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, गोआ, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड में केंद्र बिन्दु है।
सवर्ण महासंघ फाउंडेशन की सरकार से मांग (Demand Of Savarna Mahasangh Foundation)
- राष्ट्रीय सवर्ण आयोग का गठन किया।
- सवर्ण समाज के लिए " राष्ट्रीय सवर्ण एक्ट " बनाया जाय यदि हमें भी कोई जाति सूचक शब्द कहे तो उसको भी तुरंत जेल भेजा जाए।
- पार्टी के अन्दर सवर्ण मोर्चा का गठन करें।
- संविधान में वर्णित मूल अधिकार के उल्लंघन पर सवर्ण समाज के पुनर्वास एवं क्षतिपूर्ति हेतु मुआवजा दिया जाए।
- जातिय आरक्षण समाप्त कर समाज के सभी आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों को आरक्षण दिया जाय जिनकी आय रू 3.00 लाख से कम हो।
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