Mayawati profile: CM बनते ही 'बहन जी' के सामने आर्डर लेने खड़े हो गए थे IAS-IPS 

मायावती बचपन से ही IAS बनने का सपना देखती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने अपना करियर शिक्षक बनकर शुरू किया।

Report :  aman
Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-09-28 02:35 GMT

CM बनते ही 'बहन जी' के सामने आर्डर लेने खड़े हो गए थे IAS-IPS  (social media)

Mayawati Profile: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) साल 1995 में पहली बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि तब उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी थी। बीच में ही गिर गई थी। अपने कार्यकाल के दौरान मायावती ( Mayawati) ने जनहित में कई बड़े फैसले लिए थे। लेकिन आज हम बात उनके किसी राजनीतिक फैसले या विवाद की नहीं करेंगे बल्कि इन सब से जरा हटके बात करेंगे। आज एक ऐसा किस्सा जिसे खुद मायावती ने अपने एक इंटरव्यू ने सुनाया था। 

यह सभी जानते हैं कि मायावती बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखती थीं। लेकिन बाद में उन्होंने अपना करियर शिक्षक बनकर शुरू किया। इस दौरान भी वो आईएएस की तैयारी करती रहीं। 1995 में जब वो सीएम बनीं तब उन्हें आईएएस और आईपीएस के काम और जिंदगी को समझने का नजदीक से मौका मिला। 

तब आईएएस को लेकर ये सोचती थीं माया 

वर्ष 2005 में मायावती ने वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता को दिए एक इंटरव्यू में आईएएस-आईपीएस से जुड़ा एक क़िस्सा साझा किया था। दरअसल, शेखर उनसे यह जानना चाहते थे कि एक समय वह भी प्रशासनिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की तैयारी कर रही थीं। लेकिन उनका अचानक राजनीति में आना कैसे हुआ? इसी के जवाब में मायावती ने खुद एक किस्सा सुनाया। बोलीं, " मुझे भारतीय राजनीति और ब्यूरोक्रेसी के बारे में पहले ज्यादा नहीं पता था। तब मैं सोचती थी, आईएएस अधिकारी बनकर मुझे अपने देश और समाज का भला करना चाहिए।"

मायावती के आदेश का करने लगे इंतजार

मायावती आगे बताती हैं, "नौकरशाही पर राजनीति बहुत ज्यादा हावी है। मैंने फैसला किया, कि जब तक राजनीति में कामयाब नहीं होती हूं तब तक अपने और समाज के लोगों का भला नहीं कर पाउंगी। 3 जून, 1995 को जब मैं पहली पहली बार प्रदेश की सीएम बनी तो इसका एहसास हुआ। तब, एक नहीं बल्कि कई आईएएस-आईपीएस ऑफिसर मेरे पास आए। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री जी आप हमें आदेश दें। हम आपकी प्राथमिकता के आधार पर ही काम करेंगे।"

आईएएस-आईपीएस कॉपी-पेन लेकर खड़े थे 

यूपी की पूर्व सीएम ने इंटरव्यू में आगे बताया, " तब सभी आईएएस-आईपीएस अधिकारियों ने कहा, हम सभी प्राथमिकताओं को ही पूरा करेंगे। एक ही नहीं कई अधिकारी मेरे सामने कॉपी-पेन लेकर खड़े हो गए थे।" मैंने उन्हें कहा कि बहुजन समाज के लिए ही हमारी सरकार को काम करना है। और यही करने की जिम्मेदारी मुझ पर है।

आईएएस बन समाज का उतना भला कभी नहीं कर पाती

मायावती आगे कहती हैं, तब मुझे लगा अगर मैं मुख्यमंत्री न बनकर आईएएस बन जाती तो अपने समाज का उतना भला कभी नहीं कर पाती। इतनी उम्र में तो मैं कलेक्टर तक भी नहीं बन पाती। मायावती ने बताया कि अब मैं बहुजन समाज के लोगों का जीवन बेहतर करने के लिए कई काम कर सकती हूं। बता दें, कि मायावती अब तक चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं हैं। साल 2007 में उनकी बहुजन समाज पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। 

9वीं, 10वीं और 11वीं की परीक्षा एक साथ दी थी 

मायावती की बायोग्राफी 'बहनजी' लिखने वाले अजय बोस लिखते हैं कि मायावती हर हाल में अपने पिता को गलत साबित करना चाहती थीं। लड़कियां कुछ नहीं कर सकतीं। मायावती को आईएएस बनने की इच्छा शुरू से थी। यही कारण था, कि उन्होंने अपने पिता से कहा, कि तीन क्लास के एग्जाम एक साथ देने के बारे में स्कूल से पूछें। प्रभु दयाल ने बेटी माया के इरादे देखते हुए स्कूल में पूछा। स्कूल से जवाब हां में मिला। इसके बाद मायावती ने 9वीं, 10वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षा एक साथ दिए। इस तरह उन्होंने तीन साल का जंप लिया और 1972 में (16 साल की उम्र) 12वीं पास कर ली थी। मायावती शुरू से ही पढ़ने में अच्छी थीं।

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