UP Me Shobha Yatra: मोदी के कार्यकाल में अब तक 42 धरोहरों की देश में हुई वापसी, अन्नपूर्णा देवी की शोभायात्रा निकलेगी योगी सरकार

UP Me Shobha Yatra: 11 नवम्बर को अन्नपूर्णा देवी मूर्ति केन्द्र सरकार से लेने के बाद एक शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-11-03 14:54 GMT

विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति (फोटो- सोशल मीडिया)

UP Me Shobha Yatra: गोपाष्टमी के अवसर पर 11 नवम्बर को अन्नपूर्णा देवी मूर्ति केन्द्र सरकार से लेने के बाद एक शोभा यात्रा (Shobha Yatra) का आयोजन किया जाएगा। जो गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, अलीगढ़ और हाथरस होते हुए कासगंज के सूकर क्षेत्र यानी सोरों तीर्थ स्थल पहुंचेगी। इसके बाद 12 नवम्बर को शोभायात्रा सोरों  से प्रारम्भ होकर यह एटा, मैनपुरी, कन्नौज, कानपुर नगर में माँ तपेश्वरी देवी मन्दिर, पटकापुर पहुंचेगी। यहां इस मूर्ति को रखा जाएगा।

इसके बाद शोभा  यात्रा 13 नवम्बर को कानपुर नगर से चल करके उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी होते हुए माँ अन्नपूर्णा की यह मूर्ति अयोध्या श्रीराम जन्मभूमि पहुंचेगी। 14 नवम्बर को अयोध्या, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर होते हुए मूर्ति को लेकर शोभा यात्रा चौथे दिन अपराह्न वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर में पहुंचेगी।

बाबा विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा

माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति एवं शोभा यात्रा की अलग-अलग जिलों  में वहां के प्रभारी मंत्री आगवानी करेंगे। 15 नवम्बर को  देवोत्थान एकादशी के अवसर पर काशी में बाबा विश्वनाथ धाम में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा होगी।

इस कार्य की जिम्मेदारी राज्य सरकार के मंत्री सुरेश राणा एवं पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ नीलकंठ तिवारी को सौंपी गयी है। जिनके नेतृत्व में चार दिवसीय भव्य शोभा यात्रा के माध्यम से काशी ले जायी जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में

ब्रिटिश काल व उसके बाद भी देश की बहुत सी धरोहरें, मूर्तियां, पेंटिंग्स, कलाकृतियां  सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम आदि भेजी  गयीं। जिन्हे वापस लाने का काम किया जा रहा है ।

केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  किशन रेड्डी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में वर्ष 2014 के बाद अब तक 42 धरोहरों की देश में वापसी हो चुकी है। 157 मूर्तियों, पेंटिंग्स आदि को विदेशों में चिन्हित कर वापस लाने के प्रयास किए जा रहे है।

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