Kisan Mahapanchayat: बच्चों केे हीरो राकेश टिकैत, सीतापुर में किसानों को दिया वोट से चोट का मंत्र

कृषि कानूनों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है।

Update: 2021-09-20 11:31 GMT

किसान महापंचायत में राकेश टिकैत के साथ सेल्फी लेता बच्चा (फोटो- न्यूजट्रैक - आशुतोष त्रिपाठी)

Kisan Mahapanchayat: कृषि कानूनों के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंच से एक बार फिर भाजपा (BJP) सरकार पर तीखा हमला बोला है। वह आज सीतापुर में किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भाजपा सरकार पर गुंडागर्दी करने का अरोप लगाते हुए कहा कि इनके बहुत लोग कहते हैं कि अब चुनाव होंगे ही नहीं, लेकिन जब जनता आपको वोट ही नहीं दे रही तो आप जीतोगे कैसे?


उन्होंने किसानों से कहा कि आप अपनी ताकत का इस्तेमाल करो। उन्होंने कहा कि वोट की चोट एक नारा संयुक्त मोर्चे का है। इस तरह की सरकारों को वोट की चोट से आप लोगों को भगाना पड़ेगा। वहीं इस महापंचायत में महिला और पुरुर्षों के साथ बच्चों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। एक बच्चा राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) का इतना बड़ा फैन निकला कि वह मंच तक पहुंच गया। इस दौरान उसने राकेश टिकैत के साथ सेल्फी भी ली।


उन्होंने कहा कि अभी हम लखीमपुर खीरी में थे, वहां रात में रुका था। उन्होंने कहा कि आज कोई किसान अगर धान लेकर गया तो ग्यारह सौ व बारह सौ रुपए क्विंटल भाव बताया जा रहा है, क्योंकि उन्हें पता है कि किसान इसे अपने घर पर नहीं रख सकता।


7-8 सौ रुपए सस्ता धान बेच रहा है। यही हाल गन्ने का भी है। बजाज अन्य शुगर मिलें 20-25 दिनों का भुगतान दिया, इससे क्या किसान बलवान होगा। इससे किसान भी बर्बाद हो रहा है और दुकानदार भी।


अगर यह पैसा किसान के पास आएगा तो वह पैसा मजदूर के पास में जाएगा। वह पैसा उस दुकानदार के पास जाएगा जो आस लगाए बैठा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में ही वर्ग परेशान है।


गौरतलब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों के सवाल पर राकेश टिकैत लगातार महापंचायत के जरिए सरकार पर हमलावर बने हुए है। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की तरफ से जारी विरोध प्रदर्शन को वह धार देने की कोशिश में लगे हैं, जिसका असर भी अब दिखने लगा है।


पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उन्हें व्यापक स्तर पर किसानों का समर्थन मिल रहा है। यही वजह से कि वह इस आंदोलन को प्रदेश के हर जिले में पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। आज के किसान महापंचायत में हजारों की तादात में लोग शामिल हुए, जिसमें महिलाओं और पुरुषों के साथ बच्चे भी थे।



















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