Sitapur News: सन 1925 में सीतापुर आए थे महात्मा गांधी

Sitapur News: महात्मा गांधी 17 अक्टूबर, 1925 को लखनऊ से सीतापुर आए थे । उनका सीतापुर जनपद के बॉर्डर अटरिया से सिधौली कस्बे तक जगह जगह स्वागत किया गया था।

Report :  Sami Ahmed
Published By :  Monika
Update:2021-09-12 10:54 IST

1925 में सीतापुर आये थे महात्मा गांधी (फोटो : सोशल मीडिया )

Sitapur News: यहाँ के लोगों का आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा है । यहां के क्रांतिकारियों ने सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1857 के दौरान आर्य समाज और सेवा समिति ने जिले में अपनी संस्थाओं की स्थापना की थी। 1921 में सीतापुर के हजारों लोगों ने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भी भाग लिया।

जिसके चलते स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सीतापुर कई बार आये। देश की आजादी के लिए लोगों में अलख जगाने का काम किया। प्रबुद्ध वर्ग के अनुसार महात्मा गांधी सीतापुर सन 1925 में आये थे।

महात्मा गांधी 17 अक्टूबर, 1925 को लखनऊ से सीतापुर आए थे। उनका सीतापुर जनपद के बॉर्डर अटरिया से सिधौली कस्बे तक जगह जगह स्वागत किया गया था। वह सीतापुर में 17 व 18 अक्टूबर तक रुके थे। इस दौरान गांधी जी ने हिंदू महासभा, वैद्य सभा, हिंदी सम्मेलन की सभाओं को सम्बोधित किया था।

गांधी जी की प्रतिमाएं (फोटो : सोशल मीडिया )

हिंदुओं की सच्ची सेवा करने के लिए हिंदू होना जरूरी

हिंदू सभा को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी ने कहा था कि हिंदुओं की सच्ची सेवा करने के लिए हिंदू होना जरूरी है । हिन्दू धर्म को मैं अनाद मानता हूं। हिंदू धर्म व सत्य में कोई अन्तर नही है। उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म के उत्थान के लिए कार्य करें । लेकिन मुस्लिम भाइयों के प्रति तनिक भी दुर्भावना नहीं होनी चाहिए।

18 अक्टूबर, 1925 को महात्मा गांधी ने सीतापुर शहर स्थित राजा कॉलेज मैदान में हिंदी सम्मेलन को भी संबोधित किया था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि हिंदी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा हो सकती है। मुझे इस बात की खुशी भी है कि मद्रास में हिंदी को लोकप्रिय बनाने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान खेद व्यक्त करते हुए कहा कि बंगाल तथा अन्य स्थानों पर हिंदी भाषा के लिए कोई काम नहीं किया जा रहा 

प्रतिमा  (फोटो : सोशल मीडिया )

नगर पालिका कर्मचारियों की सराहना की 

इस दौरान उन्होंने नगर पालिका कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा था की नगर व शहर को स्वच्छ व सुंदर रखने का काम नगर पालिका कर्मचारी ही करते हैं। उन्होंने नगर पालिका के पैसे से हुए स्वागत समारोह पर नाराजगी व्यक्त की थी। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रीय नेता मौलाना मोहम्मद अली, पंडित मोतीलाल, पं. जवाहरलाल भी उपस्थित थे।

वही लालबाग पार्क में 1930 में 'नमक का कानून' तोड़ा गया। 1942 में गांधी जी के 'करो या मरो' आंदोलन के तहत जनपद के अनेक आंदोलनकारी ब्रिटिश शासन की दमनकारी नीति के शिकार हुए। सीतापुर के लालबाग में जलियांवाला बाग कांड की पुनरावृत्ति हुई थी।

गांधी जी की प्रतिमा (फोटो : सोशल मीडिया )

शहर में गांधी जी की कई प्रतिमाएं लगी 

गांधी जी की याद में शहर में कई प्रतिमाएं लगी हुई है। कुछ प्रतिमाओं के आसपास भारी अव्यवस्था और गंदगी देखने को मिल रही है। नगर पालिका प्रशासन के द्वारा साफ सफाई का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जाता है। जब गांधी जयंती का अवसर आता है तभी प्रतिमाओं की साफ सफाई कराई जाती है अन्यथा पूरे साल ऐसे ही प्रतिमाओं के चारों तरफ फैली गंदगी ही नजर आती है। नगर पालिका प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने दिखाई दे रही। वहीं शहर के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन नगर पालिका प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

Tags:    

Similar News