Ram Mandir उद्घाटन: प्राण प्रतिष्ठा का पूरा शेड्यूल हुआ जारी, 16 से 22 जनवरी तक होंगे यह कार्यक्रम
रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अयोध्या में तेजी से हो रही हैं। अयोध्या नगरी को रामलला के आगमन के लिए धूमधाम से सजाया जा रहा है, सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी गई है।
Ayodhya : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले विधिवत पूजा अर्चना करने की तैयारी की जा रही है। पूजा अर्चना के अलावा रामलला के लिए शैय्या निवास्थल की भी विशेष योजना बनाई गयी है। इस प्रक्रिया में रामलला को शीशम के नवनिर्मित पलंग पर शयन कराया जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने इस पलंग का निर्माण कार्य अयोध्या में ही कराया है। इसके अलावा प्रभु श्री राम के लिए गद्दा, रजाई, चादर व तकिया भी खरीदे गए हैं। रामलला के लिए सुन्दर वस्त्र भी तैयार किये गए हैं। इसी अधिवास के दौरान कुश से प्रभु के हृदय को स्पर्श कर न्यास वाचन कर संबंधित पूजन प्रक्रिया संपन्न की जाएगी। प्रातः काल उन्हें विधिवत जागरण कराने के बाद सिंहासन पर विराजित किया जाएगा। शैय्या अधिवास 21 जनवरी को रात्रि में होगा।
वाराणसी से आएंगे वैदिक आचार्य पूजा अर्चना करने
जनवरी 22 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की उपस्थिति में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। वाराणसी से आए वैदिक आचार्यों के अनुसार प्रभु के आसन पर पहले कूर्म शिला व स्वर्ण से निर्मित कच्छप, ब्रह्म शिला का भी अधिवास कराया जाएगा। इसके साथ तीन पिंडिका भी रखी जाएंगी। इसके अतिरिक्त आचार्यों के अनुसार प्रभु श्री राम के आसन के ठीक नीचे श्रीराम यंत्र की भी प्रतिष्ठा की जाएगी।
धर्माचार्य संपन्न कराएंगे अनुष्ठान
विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने बताया कि आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, प्रमुख आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित, अरुण दीक्षित, सुनील दीक्षित, दत्तात्रेय नारायण रटाटे, गजानन जोतकर, अनुपम दीक्षित आदि प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को संपन्न कराएंगे। इसमें 11 यजमान भी होंगे।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी जारी
विश्व हिंदू परिषद ने यह स्पष्ट रूप से बता दिया है कि है प्रभु श्री राम की प्रतिमा सिर्फ परिसर भ्रमण ही करेगी। वहीं प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ सोमवार को अचानक अयोध्या नगरी पहुंच गए। उन्होंने राम मंदिर परिसर व पूजन स्थल का भ्रमण किया और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से भेंट भी की। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के लिए आए सभी आचार्यों से भेंट की और उनके निवास स्थल को भी देखा।
पहले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ का अयोध्या आगमन 14 अथवा 15 जनवरी को आना तय था, परन्तु सोमवार को वह अचानक रामनगरी पहुंच गए। दूसरी ओर विश्व हिन्दू परिषद ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा पूजन का कार्यक्रम का क्रम भी स्पष्ट कर दिया गया है, जिस स्थल पर मूर्ति का निर्माण हुआ है, वहीं से कर्मकुटी अनुष्ठान से पूजन आरंभ होगा। प्रतिमा का निर्माण करने वाले शिल्पी प्रायश्चित पूजन करेंगे।
16 से 22 जनवरी तक का कार्यक्रम
16 जनवरी से पूजन की प्रक्रिया शुरू होगी।
17 जनवरी को श्रीविग्रह का परिसर दौरा किया जाएगा और गर्भगृह की शुद्धिकरण होगा।
18 जनवरी से अधिवास का आरंभ होगा, जिसमें जलाधिवास, सुगंध, और गंधाधिवास शामिल होगा।
19 जनवरी को प्रातः फल और धान्य अधिवास होगा।
20 जनवरी को सुबह पुष्प, रत्न, और शाम को घृत अधिवास होगा।
21 जनवरी को प्रात: शर्करा, मिष्ठान, मधु, और औषधि, शैय्या अधिवास होगा।
22 जनवरी को मध्य दिवस में रामलला के विग्रह की आंखों से पट्टी हटाई जाएगी और उन्हें दर्पण में प्रदर्शित किया जाएगा।