Ayodhya Ram Mandir: जानें 22 जनवरी को कब संपन्न होगा प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान, जारी हुआ शुभ मुहूर्त
Ayodhya Ram Mandir: रामनगरी में इन दिनों भव्य दीपोत्सव की तैयारी चल रही है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बड़ी खुशखबरी दी है।
Ayodhya Ram Mandir: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण जोर शोर से चल रहा है। इसी प्रकार प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां भी जोरों पर हैं। समारोह की तिथि सार्वजनिक हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बतौर मुख्य अतिथि आने का आमंत्रण स्वीकार कर लिया है। रामनगरी में इन दिनों भव्य दीपोत्सव की तैयारी चल रही है। इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बड़ी खुशखबरी दी है।।
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला अभिजीत मुहूर्त पौष शुक्ल द्वादशी 22 जनवरी को 11 बजे से एक बजे के बीच संपन्न होगा। देशभर के मठ मंदिरों में भी इसी मुहूर्त पर धार्मिक अनुष्ठान होगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने पत्रक जारी कर शुभ मुहूर्त में ही लोगों से धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की है। साथ ही सूर्यास्त होते ही घरों के सामने दीप जलाने का अनुरोध भी किया है। ट्रस्ट धार्मिक अनुष्ठान के बाद महाआरती और प्रसाद वितरण करेगा।
कैसा होगा मंदिर ?
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर की लम्बाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट रहेगी। मंदिर का भवन मंजिला होगा। इसमें कुल 392 खम्भे और 44 दरवाजे होंगे। मंदिर के भूतल पर गर्भगृह में बाल स्वरूप रामलला, प्रथम तल पर राम दरबार और पूरे मंदिर में कुल पांच मंडप नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप, प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप बन रहे हैं। मंदिर में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ होंगी।
मंदिर के अंदर प्रवेश 2 सीढ़ियाँ चढ़कर सिंहद्वार से होगा। दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था होगी। इसके अलावा 732 मीटर लंबा और 4.25 मीटर चौड़ा परकोटा बनाया जा रहा है। परकोटे के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे। भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती के मंदिर के साथ-साथ दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का भी मंदिर होगा।
मंदिर के दक्षिणी भाग में पौराणिक सीताकूप का दर्शन होगा। रामलला के भव्य मंदिर के साथ-साथ परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज माता शबरी एवं देवी अहिल्या के मंदिर भी बनेंगे। मंदिर परिसर में कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार कराया जाएगा और वहां जटायु की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।