Ayodhya News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 4 जुलाई को जाएंगे अयोध्या, जानिए मिनट-टू-मिनट पूरा कार्यक्रम

Ayodhya News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार 4 जुलाई को रामनगरी अयोध्या दौरे पर रहेंगे। जहां कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

Update: 2023-07-03 05:22 GMT
अखिलेश यादव ( सोशल मीडिया)

Ayodhya News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए है, लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष लोकसभावार सभी छोटे बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके लोकसभा क्षेत्र में कौन सबसे अच्छा चुनाव लड़ सकता है। अखिलेश यादव संभावित प्रत्याशियों के बारे में खुद फीडबैक ले रहे हैं। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कोई चूक नहीं करना चाह रहे हैं। इसी कड़ी में अखिलेश यादव मंगलवार 4 जुलाई को रामनगरी अयोध्या दौरे पर रहेंगे। जहां कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे।

अखिलेश दौरे का मिनट टू मिनट कार्यक्रम

मिली जानकारी के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 4 जुलाई को अयोध्या दौरे पर रहेंगे। पार्टी अध्यक्ष सबसे पहले साढ़े बारह बजे दोस्तपुर रघुपुर जाएंगे।स्वर्गीय गंगा सिंह यादव को श्रद्धांजलि देंगे। चंदन सिंह यादव के पिता को श्रद्धांजलि देंगे। श्रद्धांजलि देने के बाद अखिलेश यादव एक बजकर पंद्रह मिनट पर रौनाही जाएंगे। फिरोज खान गब्बर के आवास जाएंगे। बता देंकि फिरोज खान गब्बर पूर्व विधानसभा प्रतायाशी हैं। अखिलेश यादव फिरोज खान के आवास पर औपचारिक मुलाकात करेंगे। इसके बाद दो बजकर पंद्रह मिनट पर अंगूरी बाग कॉलोनी जाएंगे, यहां जय शंकर पांडे की पत्नी को श्रद्धांजलि देंगे। जबकि तीन बजे मकबरा स्थित एसएन सिंह के पिता को श्रद्धांजलि देंगे, इसके अलावा स्वर्गीय वरिष्ठ पत्रकार शीतला सिंह को श्रद्धांजलि देंगे।

बता दें समाजावादी पार्टी का पिछले दो लोकसभा चुनावों यानी 2014 और 2019 में प्रदर्शन काफी खराब रहा है। लोकसभा के दोनों चुनावों में पार्टी को केवल और केवल पांच-पांच सीटें मिली थी। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल ( आरएलडी) ने गठबंधन किया था। तीनों पार्टियों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। बसपा 38, सपा, 37 और आरएलडी तीन सीटों पर चुनाव लड़ी थी, वहीं कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ दी गई थी। इस लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा बसपा को हुआ था, बसपा शून्य से दस सीटों पर पहुंच गई थी। सपा को पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

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