Azamgarh News: दलित हत्याकांड में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास, एक आरोपी दोषमुक्त
Azamgarh News: न्यायालय में दलित की हत्या के मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास व पचास-पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि एक आरोपी को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।;
3 accused sentenced life imprisonment and one acquitted in Dalit murder case (Photo: Social Media)
Azamgarh News: आजमगढ़ जनपद के न्यायालय में दलित की हत्या के मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को पचास हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। जबकि एक आरोपी को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। यह फैसला एससी/एसटी कोर्ट के जज कमलापति प्रथम ने सोमवार को सुनाया।
दलित को मारी गोली
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी राम दुलार निवासी उसरगांव, थाना बरदह के कमरे में 22 अक्टूबर 2003 की रात उसका भतीजा राजेंद्र अपने बेटे के साथ सो रहा था। रात करीब 10 बजे गोली की आवाज सुनकर वादी राम दुलार वहां पहुंचा तो देखा कि गांव के ही राणा प्रताप सिंह, प्रदीप सिंह व मनीष कुमार सिंह ने राजेंद्र को गोली मार दी और जाति सूचक गाली देते हुए भाग गए। पुलिस को दिए बयान में राम दुलार ने कहा कि इस घटना के लिए गांव के कचहरी ने साजिश रची है।
न्यायालय ने आरोपी को सुनाया आजीवन कारावास
मामले की विवेचना पूरी करने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में भेज दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से अभियोजन अधिकारी अमन प्रसाद, एडीजीसी आलोक त्रिपाठी व इंद्रेश मणि त्रिपाठी ने वादी समेत कुल 11 गवाहों का न्यायालय में परीक्षण कराया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी राणा प्रताप सिंह, प्रदीप सिंह व मनीष सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक पर पचास-पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। वहीं न्यायालय ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में अदालत राम को बरी कर दिया। न्यायालय ने जुर्माने की आधी धनराशि मृतक राजेंद्र के परिजनों को देने का भी आदेश दिया है।