Surya Grahan 2022: सूर्यग्रहण के दौरान बंद हो जाएंगे बद्री केदारनाथ के पट

Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण के कारण श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अक्टूबर 2022 को बंद कर दिए जाएंगे।

Report :  Network
Update: 2022-10-23 09:38 GMT

सूर्यग्रहण के दौरान बंद हो जाएंगे बद्री केदारनाथ के पट (Pic: Social Media)

Surya Grahan 2022: 2022 का आखिरी सूर्य ग्रहण दीपावली के अगले दिन पड़ने जा रहा है। ग्रहण के कारण श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अक्टूबर 2022 को बंद कर दिए जाएंगे। श्री केदारनाथ-बद्रीनाथ मंदिर समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार ग्रहण के बाद शाम की पूजा होगी। इसके अलावा देश के अलग अलग शहरों में मंदिरों के पट सू्र्यग्रहण के दौरान बंद रहेंगे। 25 अक्टूबर 2022 को आंशिक सूर्य ग्रहण पड़ेगा। अर्थ साइंस मंत्रालय का कहना है कि भारत में ग्रहण दिन खत्म होने से पहले शुरू हो जाएगा और ज्यादातर जगहों से दिखाई देगा। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बद्रीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर में प्रधानमंत्री के साथ उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए। इसके बाद वे आदि गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल पर गए और साथ ही केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखी।

कुछ सबसे महत्वपूर्ण हिंदू स्थलों में केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं। हेमकुंड साहिब, एक प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल, इस क्षेत्र का एक और आकर्षण है। कनेक्टिविटी परियोजनाओं को धार्मिक स्थलों को और अधिक सुलभ बनाने और मूलभूत बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

आस्था का बड़ा केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर ग्रहण के दौरान बंद रहेगा। सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद ही दर्शन पूजन शुरू होगा। काशी विद्वत परिषद के अनुसार ग्रहण का मोक्ष सूर्यास्त (5:38 बजे) के 54 मिनट बाद भारतीय समयानुसार 06: 32 बजे होगा, इसलिए यह ग्रस्तास्त यानी सूर्यग्रहण के दौरान ही सूर्य अस्त हो जाएगा। इसलिए अगला सूर्योदय होने के बाद ही ग्रहण की धर्म सम्मत शास्त्रीय निवृत्ति मानी जाएगी। पूजा-पाठ, राग-भोग आदि कृत्य अगले सूर्योदय (06:02 बजे) के बाद ही होंगे।

आपको बता दें कि तिरुपति भगवान वेंकटेश्वर मंदिर 25 अक्टूबर और 8 नवंबर को सूर्य और चंद्र ग्रहण के कारण लगभग 12 घंटे के लिए बंद रहेगा। देश के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, अधिकतम ग्रहण के समय में सूर्य चंद्रमा से लगभग 40 से 50 प्रतिशत अंश तक छिप जाएगा।

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