Bahraich Bhediya Attack: आदमखोर भेड़ियों को मारने की अनुमति देगा वन विभाग, मुख्य सचिव ने जारी किये आदेश

Bahraich Bhediya Attack: बहराइच में भेड़ियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग इन आदमखोर भेड़ियों को मारने की अनुमति देगा। मुख्य सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

Update: 2024-09-02 11:37 GMT

आदमखोर भेड़ियों को मारने की अनुमति देगा वन विभाग (न्यूजट्रैक)

Bahraich Bhediya Attack: यूपी के बहराइच जनपद में भेड़ियों का खूनी खेल लगातार जारी है। भेड़िये अब तक कई मासूम बच्चों और बुजुर्गो को अपना निवाला बना चुके हैं। वहीं शासन ने चार भेड़ियों के पकड़े का दावा किया है। वहीं दो भेड़ियों को अभी भी खोजा जा रहा है।

इन सब के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अफसरों को निर्देश दिये थे कि जल्द से जल्द भेड़ियों को पकड़ने का प्रयास किया जाए। वहीं अब बहराइच में भेड़ियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग इन आदमखोर भेड़ियों को मारने की अनुमति देगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जारी किये गये आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि आदमखोर भेड़ियों से जनता को जल्द निजात दिलाई जाए।

सीएम योगी ने की उच्चस्तरीय बैठक

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में इन दिनों घटित हो रही मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को इन घटनाओं को रोकने, मॉनिटरिंग करने और घटनाओं को बढ़ने से रोकने के कारणों पर चर्चा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में विचार विमर्श के बाद सीएम योगी ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। जिसके बाद संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी सक्रिय हो गये और उन्होंने गांवों में टीम बनाकर कॉम्बिंग करने एवं जन जागरूकता फैलाने के निर्देश दिये हैं।

सीएम के निर्देश के बाद हरकत में आए अफसर

मानव-वन्यजीव संघर्ष से प्रभावित जनपदों के उच्च अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद हरकत में आ गए हैं। बहराइच की डीएम मोनिका रानी, सीतापुर डीएम अभिषेक आनंद और लखीमपुर खीरी डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने अपने-अपने जिले में पुलिस, वन विभाग, स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग को दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं।

निर्देश में कहा गया है कि वन कर्मियों की टीम रोज अपने क्षेत्र में गश्त करे। गश्त करने वाली टीम की सूचना रजिस्टर पर अंकित की जाए। आरक्षित वन क्षेत्रों से लगे गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर अंकुश लगाने के लिए बैठकों का आयोजन किया जाए एवं वन्य जीवों से सावधानी बरतने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। ग्रामीणों को यह समझाया जाए कि वह खेतों में कृषि कार्य के लिए समूहों में आवाज करते हुए जाएं। जिससे वन्य जीव दूर हट जाएं।

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