Banda: ठेकेदार का भुगतान न करने पर कामर्शियल कोर्ट झांसी ने PWD की कुर्की के किया आदेश जारी
Banda News: ठेकेदार का भुगतान न करने पर कामर्शियल कोर्ट झांसी ने लोक निर्माण विभाग की कुर्की के आदेश जारी किया है।
Banda: उत्तर प्रदेश सरकार का बांदा स्थित लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) का अधिशासी अभियंता कार्यालय (Executive Engineer Office) यहां नोटिस बोर्ड पर लगे इस कागज़ को आप भी देखिए ये कोई साधारण कागज नही है बल्कि ये झांसी की वाणिज्यिक न्यायालय झांसी से जारी किया हुआ कुर्की आदेश है जो जुलाई माह में जारी किया गया था। जिसमें लिखा हुआ है कि जिला वाणिज्यिक न्यायालय झांसी (District Commercial Court Jhansi) के आदेश के अनुपालन में मदयून निम्नलिखित की निम्नलिखित अचल संपत्ति कुर्क हो गई है अतः कोई भी व्यक्ति आदि कुर्कशुदा अचल संपत्ति मदयून को क्रय विक्रय अथवा हस्तांतरित न करे अन्यथा वह स्वयं जिम्मेदार होगा।
ठेकेदार ने लगभग 2 करोड़ रुपये के भुगतान का दावा किया पेश
झांसी की फर्म मेसर्स पीएनगर्ग इंजीनियर्स एवं कांट्रेक्टर्स (M/s Pngarg Engineers & Contractors) के प्रोपराइटर पीएनगर्ग ने बांदा लोक निर्माण विभाग विभाग (Banda Public Works Department Department) में ठेकेदारी का कार्य करते थे जिनका भुगतान विभाग पर शेष था और विभाग ने इसका भुगतान भी कर दिया था पर विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व उदासीनता के चलते और न्यायालय में समय से पैरवी न होने के कारण विभाग के ऊपर ठेकेदार ने लगभग 2 करोड़ रुपये के भुगतान का दावा पेश किया ।
वाणिज्यिक न्यायालय झांसी से ठेकेदार के पक्ष में आदेश पारित हुआ: अधिशासी अभियन्ता
अधिशासी अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग आर0आर0 मरिया (Executive Engineer Provincial Division Public Works Department RR Maria) ने बताया कि 30 दिसम्बर 2016 को वाणिज्यिक न्यायालय झांसी (Commercial Court Jhansi) से ठेकेदार के पक्ष में आदेश पारित हुआ। इसी आदेश के क्रम में वाणिज्यिक न्यायालय झांसी ने भुगतान के सम्बन्ध में आदेश दिया था, जिसके भुगतान के लिए मुख्य अभियंता कार्यालय लखनऊ को 11 अगस्त 2022 को भेज दिया गया है जैसे कि वहां से धनराशि आवंटित होगी भुगतान कर दिया जाएगा।
विभागीय सूत्रों की माने तो कही न कहीं इसमें लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और समय से उक्त की न्यायालय में पैरवी न होने के कारण विभाग को ठेकेदार को भुगतान करना पड़ेगा, विभागीय कर्मचारियों ने दबी जुबान में यह तक कहा कि जीतना ठेकेदार का भुगतान होना था उससे कही ज्यादा वह भुगतान प्राप्त कर चुका है। उससे ज्यादा धनराशि के भुगतान की रिकवरी होनी चाहिए पर विभागीय अधिकारियों की पैरवी न होने के कारण न्यायालय के आदेश पर भुगतान करना पड़ेगा।