Bareilly News: डीएम रविंद्र कुमार 'डॉक्टर डे' पर करेंगे चिकित्सकों का सम्मान, कहा- लोगों के कष्टों को करते हैं दूर

Bareilly News: डाक्टरों की तारीफ़ करते हुए कहा कि "यदि मां बच्चे को जन्म देती है तो चिकित्सक कई बार पुनर्जन्म देते हैं। चिकित्सकों की सेवाएं तब और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है जब कोई महामारी भयंकर रूप धारण कर लेती है।

Report :  Sunny Goswami
Update: 2024-06-30 12:44 GMT

डीएम रविंद्र कुमार 'डॉक्टर डे' पर करेंगे चिकित्सकों का सम्मान: Photo- Newstrack

Bareilly News: समाज में चिकित्सकों की भूमिका और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बरेली जिले के सभी सरकारी व निजी चिकित्सकों को 'डॉक्टर डे' पर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कहा कि "चिरकाल से ही चिकित्साकों ने अपनी सेवाओं के माध्यम से लोगों के कष्टों को दूर करने का कार्य किया है।

उन्होंने डाक्टरों की तारीफ़ करते हुए कहा कि "यदि मां बच्चे को जन्म देती है तो चिकित्सक कई बार पुनर्जन्म देते हैं। चिकित्सकों की सेवाएं तब और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है जब कोई महामारी भयंकर रूप धारण कर लेती है।

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समाज व प्रशासन सदैव चिकित्सकों का आभारी रहेगा

मैंने देखा है कि विगत कुछ वर्षों में चिकित्साकों ने अपनी लगन निष्ठा व समर्पण भाव से महामारी व अन्य बीमारियों से संक्रमित लोगों को उपचार में स्वयं की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाने में भागीरथी प्रयास किए हैं, जिसके चलते समाज व प्रशासन सदैव चिकित्सकों का आभारी रहेगा।

भारत में प्रतिवर्ष 1 जुलाई को नेशनल 'डॉक्टर डे' मनाया जाता है। इस दिन चिकित्सकों के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना कर उनके प्रति आभार जताने व शुभकामनाएं देने का दिन है। सामान्यतः प्रशासनिक अधिकारी चिकित्सकों के कार्य की समीक्षा तो करते हैं, परंतु जिलाधिकारी रविंद्र ने चिकित्सा कार्य की सराहना करने की एक अनोखी पहल की है। जिसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सभी चिकित्सकों सहित आईएमए बरेली शाखा के चिकित्सकों ने जिलाधिकारी रविंद्र कुमार की इस पहल के प्रति आभार जताया है।

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कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों का कार्य सराहनीय

आपको बता दें कि कुछ साल पहले देश में कोरोना नाम की महामारी आई है जिसमें देश मे सैकड़ो लोगो की मौतें हुई थी उस समय भी देश के डॉक्टरों ने अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना के मरीजों का इलाज किया था और लाखों लोगों की जानें बचाई थी।

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